खेतड़ी(झुंझुनूं)ञ्चपत्रिका. कभी भरा पूरा परिवार था…। तीन बेटे थे, तीनों कमाते थे…। मैं खुद भी मजदूरी कर लेता था। चार जगह से मासिक आय होती थी। घर में कोई कमी नहीं थी। लेकिन अब दुखों का पहाड़ टूट चुका है। पहले बेटा चल बसा। इसके बाद दूसरा बेटा कोमा में चला गया। तीसरे बेटे से आस थी, वह सात समंदर पार जेल में बंद हो गया। पूरे परिवार में कमाने वाला कोई नहीं है। हम दाने-दाने को मोहताज हो रहे हैं। सरकार भी हमें गरीब नहीं मान रही। अपनी पीड़ा बताते हुए परिवार के मुखिया 80 वर्षीय बालूराम कुमावत का गला रुंध गया। और आंखों से आंसूओं की अविरल धारा फूट पड़ी।
राजस्थान के झुंझुनूं जिले के खेतड़ी उपखंड के बबाई गांव निवासी बालूराम कुमावत ने सुबकते हुए बताया, मेरे तीन तीन बेटे थे। सबसे बड़ा तुलसी, मंझला मनीष व सबसे छोटा धन्नाराम। सबसे छोटे धन्नाराम की कुछ वर्ष पहले मुम्बई में एक दुर्घटना में मौत हो गई। शेष दोनों बेटे तुलसी व मनीष कुवैत में रहकर राजमिस्त्री का कार्य करते थे। दो वर्ष पहले बड़ा बेटा तुलसी कुवैत में कार्य करते समय तीन मंजिल के भवन से गिर गया। सिर में गहरी चोट लगी वह कोमा में चला गया। इसकी सूचना पर छोटा बेटा मनीष बबाई से कुवैत गया। उसे बबाई लेकर आया। इसके बाद उसका जयपुर में इलाज करवाया। जिससे उनकी समस्त जमा पूंजी खत्म हो गई। लोकडाउन में घर रहने के बाद चार माह पूर्व छोटे बेटे मनीष को एक लाख पचास हजार रुपए का कर्जा लेकर दुबारा विदेश भेजा। जब विदेश गया तो उसे एक परिचित परिवार ने कुछ दवाइयों का पैकेट दूसरी जगह देने के लिए दे दिया। कुवैत एयरपोर्ट पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उसे जेल भेज दिया। अब घर में 12 सदस्य हैं। जिनमें वह स्वयं, उनकी पत्नी, एक बीमार पुत्र, दो पुत्रवधू तथा दोनों पुत्रों की चार बेटियां तथा तीन बेटे हैं। कोई पहली तो कोई नौवीं कक्षा में पढ़ रहा है। घर में कमाने वाला कोई नहीं है। पूरा परिवार दाने-दाने का मोहताज हो गया है। इलाज के पैसे नहीं होने के कारण बेटे को घर ले आए। सरकार के अधिकारी उसे बीपीएल कार्ड भी जारी नहीं कर रहे। पहले राम रूठा अब राज भी रूठ गया।
राजस्थान के झुंझुनूं जिले के खेतड़ी उपखंड के बबाई गांव निवासी बालूराम कुमावत ने सुबकते हुए बताया, मेरे तीन तीन बेटे थे। सबसे बड़ा तुलसी, मंझला मनीष व सबसे छोटा धन्नाराम। सबसे छोटे धन्नाराम की कुछ वर्ष पहले मुम्बई में एक दुर्घटना में मौत हो गई। शेष दोनों बेटे तुलसी व मनीष कुवैत में रहकर राजमिस्त्री का कार्य करते थे। दो वर्ष पहले बड़ा बेटा तुलसी कुवैत में कार्य करते समय तीन मंजिल के भवन से गिर गया। सिर में गहरी चोट लगी वह कोमा में चला गया। इसकी सूचना पर छोटा बेटा मनीष बबाई से कुवैत गया। उसे बबाई लेकर आया। इसके बाद उसका जयपुर में इलाज करवाया। जिससे उनकी समस्त जमा पूंजी खत्म हो गई। लोकडाउन में घर रहने के बाद चार माह पूर्व छोटे बेटे मनीष को एक लाख पचास हजार रुपए का कर्जा लेकर दुबारा विदेश भेजा। जब विदेश गया तो उसे एक परिचित परिवार ने कुछ दवाइयों का पैकेट दूसरी जगह देने के लिए दे दिया। कुवैत एयरपोर्ट पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उसे जेल भेज दिया। अब घर में 12 सदस्य हैं। जिनमें वह स्वयं, उनकी पत्नी, एक बीमार पुत्र, दो पुत्रवधू तथा दोनों पुत्रों की चार बेटियां तथा तीन बेटे हैं। कोई पहली तो कोई नौवीं कक्षा में पढ़ रहा है। घर में कमाने वाला कोई नहीं है। पूरा परिवार दाने-दाने का मोहताज हो गया है। इलाज के पैसे नहीं होने के कारण बेटे को घर ले आए। सरकार के अधिकारी उसे बीपीएल कार्ड भी जारी नहीं कर रहे। पहले राम रूठा अब राज भी रूठ गया।
#help baluram kumawat
इलाज का प्रयास करूंगा बबाई में परिवार के बारे में मुझे आज ही जानकारी मिली है। जो व्यक्ति कोमा में है उसका इलाज करवाया जाएगा।
-जयसिंह, उपखण्ड अधिकारी खेतड़ी ग्राम विकास अधिकारी को पीडि़त परिवार के यहां भेजकर रिपोर्ट लूंगी। सरकारी योजनाओं का पूरा फायदा दिलवाया जाएगा। -मनीषा गुर्जर, प्रधान पंचायत समिति खेतड़ी
इलाज का प्रयास करूंगा बबाई में परिवार के बारे में मुझे आज ही जानकारी मिली है। जो व्यक्ति कोमा में है उसका इलाज करवाया जाएगा।
-जयसिंह, उपखण्ड अधिकारी खेतड़ी ग्राम विकास अधिकारी को पीडि़त परिवार के यहां भेजकर रिपोर्ट लूंगी। सरकारी योजनाओं का पूरा फायदा दिलवाया जाएगा। -मनीषा गुर्जर, प्रधान पंचायत समिति खेतड़ी
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रिपोर्ट-गोपाल कृष्ण शर्मा
रिपोर्ट-गोपाल कृष्ण शर्मा