scriptराजस्थान का यह अनूठा अस्पताल, यहां हर दिन बदल जाता है डॉक्टर का चेहरा! | hospital story jhunjhunu | Patrika News

राजस्थान का यह अनूठा अस्पताल, यहां हर दिन बदल जाता है डॉक्टर का चेहरा!

locationझुंझुनूPublished: Jul 30, 2019 11:55:58 am

Submitted by:

Rajesh

राजस्थान के झुंझुनूं जिले में एक ऐसा अस्पताल भी जिसके बारे में आप पढ़ोगे तो पहली बार विश्वास ही नहीं होगा। नवलगढ़ उपखंड के झाझड़ गांव के सरकारी अस्पताल में हर दिन डॉक्टर का ‘चेहराÓ बदल जाता है। यह सौ फीसदी सच है। जो डॉक्टर सोमवार को आता है, वह अगले दिन मंगलवार को नहीं आता। जो मंगलवार को आता है, वह बुधवार को नहीं आता। जो बुधवार को आता है वह गुरुवार को नहीं आता। कभी सारे डॉक्टर एक साथ नहीं आते। भले ही यह बात आपके गले नहीं उतरे लेकिन यह एक दम सच है। यहां हर दिन डॉक्टर बदल जाता है।

jhunjhunu news

राजस्थान का यह अनूठा अस्पताल, यहां हर दिन बदल जाता है डॉक्टर का चेहरा!

hospital story jhunjhunu

(महावीर टेलर) नवलगढ़(झुंझुनूं). राजस्थान के झुंझुनूं जिले में एक ऐसा अस्पताल भी जिसके बारे में आप पढ़ोगे तो पहली बार विश्वास ही नहीं होगा। नवलगढ़ उपखंड के झाझड़ गांव के सरकारी अस्पताल में हर दिन डॉक्टर का ‘चेहराÓ बदल जाता है। यह सौ फीसदी सच है। जो डॉक्टर सोमवार को आता है, वह अगले दिन मंगलवार को नहीं आता। जो मंगलवार को आता है, वह बुधवार को नहीं आता। जो बुधवार को आता है वह गुरुवार को नहीं आता। कभी सारे डॉक्टर एक साथ नहीं आते। भले ही यह बात आपके गले नहीं उतरे लेकिन यह एक दम सच है। यहां हर दिन डॉक्टर बदल जाता है।
hospital story jhunjhunu
चकाचक भवन। रोगियों की जांच के लिए अच्छी लैब। रोगी को भर्तीकरने के लिए सात बैड। लेकिन ये सब होते हुए भी गांव झाझड़ के सेठ बींजराज जुहरीमल परसरामपुरिया आदर्श राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में रोगियों को चिकित्सा सुविधाओं का पूरी तरह से फायदा नहीं मिल पा रहा है। कारण यहां पर स्थाई रूप से चिकित्सक नहीं है। ऐसे में स्वास्थ्य केन्द्र को जुगाड़ से चलाया जा रहा है।व्यवस्था के लिए प्रतिदिन अलग-अलग स्वास्थ्य केन्द्र व अस्पताल से एक चिकित्सक को रोगियों के उपचार के लिए यहां पर भेजा जा रहा है। चिकित्सकों की इस व्यवस्था से रोगियों को कई बार परेशानी का सामना करना पड़ता है।
jhajhar hospital

स्वास्थ्य केन्द्र में कार्यरत चिकित्सक डॉ. बिमला का इसी वर्ष मार्च में गुढ़ागौडज़ी स्थानान्तरण हो गया। तब से स्वास्थ्य केन्द्र को स्थाई रूप से चिकित्सक नसीब नहीं हो पाया है। चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने भी स्थाई चिकित्सक लगाने की बजाय सोमवार से लेकर शनिवार तक अलग-अलग स्वास्थ्य केन्द्रों से प्रतिदिन एक चिकित्सक को ड्यूटी देने के आदेश कर दिए। अस्पताल में कभी कोलसिया से तो कभी खिरोड़, भोजनगर समेत अन्य जगहों से चिकित्सक रोगियों के उपचार के लिए झाझड़ के इस स्वास्थ्य केन्द्र में आते हैं। इनमें से कई चिकित्सकों को एमआर अभियान में नोडल बना दिया। ऐसे में स्वास्थ्य केन्द्र में चिकित्सकों की जुगाड़ की व्यवस्था भी इन दिनों चरमराई हुईहै। चिकित्सक के अभाव में स्वास्थ्य केन्द्र कम्पाउंडर, फामासिस्ट समेत अन्य कार्मिकों के भरोसे हैं।
………………………………………………………………………………
वार के अनुसार डॉक्टर
-सोमवार को बसावा से डॉ. पंकज मांजू
-मंगलवार को कोलसिया से डॉ.संदीप एचरा
-बुधवार को भोजनगर से डॉ. गंगाधर
-गुरुवार को गोठड़ा से डॉ.वसीम
-शुक्रवार को बाय से डॉ. सुभिता
-शनिवार को खिरोड़ से डॉ. अमित पूनिया सेवाएं देने के लिए आते हैं।
-रविवार को अस्पताल में चिकित्सक की सेवाएं उपलब्ध नहीं रहती है।
……………………………………………………………………………..
लेब के लटका ताला
स्वास्थ्य केन्द्र में कहने को तो लेब भी है, लेकिन लेब टेक्निशियन के अभाव में यह भी पिछले कई महीनों से बंद पड़ी है।यहां कार्यरत लेब टेक्निशियन राजेन्द्र जांगिड़ का इसी वर्ष मार्च माह में दूसरी जगह पर स्थानांतरण हो गया था। इसके बाद से यहां पर लेब टेक्निशियन का पद खाली पड़ा हुआ है। ऐसे में रोगियों की स्वास्थ्य केन्द्र में किसी भी तरह की जांच नहीं हो पा रही है। चिकित्सक यदि किसी रोगी को जांच लिखता है तो उसको नवलगढ़ या अन्य जाना पड़ रहा है। ऐसे में रोगी को आर्थिक चपत लग रही है।
…………………………………………………………………………………………………………….
नहीं मिला मानदेय
स्वास्थ्य केन्द्र में स्थाई रूप से चिकित्सक नहीं होने का खमियाजा कार्मिकों को उठाना पड़ रहा है। चिकित्सक के अभाव में यहां पर कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटर को एक वर्षसे मानदेय भी नहीं मिल पाया है।
……………………………………………………………………………………………
भामाशाह ने बनवाया था भवन
गांव झाझड़ में स्वास्थ्य केन्द्र का भवन वर्षों पूर्व भामाशाह लक्ष्मीनारायण व महावीर प्रसाद परसरामपुरिया ने बनावा था। उस दौरान भवन पर लाखों रुपए खर्च हुए थे। ग्रामीणों में भी स्वास्थ्य केन्द्र का भवन बनने पर खुशी थी। लेकिन स्वास्थ्य केन्द्र का रोगियों को पूरी तरह से फायदा नहीं मिलने पर भामाशाह के परिवारजन व ग्रामीणों में मायूसी है।
…………………………………………………………………………………………………………………
ग्रामीणों का कहना है
गांव में मेरे पिता लक्ष्मीनारायण व उनके भाई महावीर प्रसाद ने लाखों रुपए खर्च स्वास्थ्य केन्द्र के लिए भवन बनवाया था। लेकिन स्वास्थ्य केन्द्र में स्थाईचिकित्सक नहीं होने के कारण रोगियों को इसका पूरी तरह से लाभ नहीं मिल पा रहा है।सरकार को यहां पर स्थाईचिकित्सक लगाना चाहिए।
रमेश कुमार परसरामपुरिया, झाझड़।
…………………………………………………………………………………………………………
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो