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बच्चों को समय पर मिल जाती ऑक्सीजन तो बच जाती जान

locationझुंझुनूPublished: Mar 22, 2021 11:28:27 am

Submitted by:

Datar

उदयपुरवाटी. चिराना क्षेत्र की बागोरिया की ढाणी ग्राम पंचायत व टोडपुरा ग्राम पंचायत की सीमा पर शनिवार शाम को चार बच्चों के मिट्टी में दबने की घटना में बड़ी बात निकलकर सामने आई है। मिट्टी में दबने वाले चार बच्चों को में से चिराना के अस्पताल में सीकर रैफर करने से पहले एक बच्चे को समय पर ऑक्सीजन मिल गई थी। जिससे उसकी जान बच गई। अगर बाकी मृत तीनों बच्चों को भी प्राथमिक उपचार के दौरान समय पर ऑक्सीजन मिल जाती तो उनकी भी जान बच सकती थी।

बच्चों को समय पर मिल जाती ऑक्सीजन तो बच जाती जान

बच्चों को समय पर मिल जाती ऑक्सीजन तो बच जाती जान

बच्चों को समय पर मिल जाती ऑक्सीजन तो बच जाती जान


बागोरिया की ढाणी ग्राम पंचायत में मिट्टी में दबने से हुई बच्चों की मौत का मामला

उदयपुरवाटी. चिराना क्षेत्र की बागोरिया की ढाणी ग्राम पंचायत व टोडपुरा ग्राम पंचायत की सीमा पर शनिवार शाम को चार बच्चों के मिट्टी में दबने की घटना में बड़ी बात निकलकर सामने आई है। मिट्टी में दबने वाले चार बच्चों को में से चिराना के अस्पताल में सीकर रैफर करने से पहले एक बच्चे को समय पर ऑक्सीजन मिल गई थी। जिससे उसकी जान बच गई। अगर बाकी मृत तीनों बच्चों को भी प्राथमिक उपचार के दौरान समय पर ऑक्सीजन मिल जाती तो उनकी भी जान बच सकती थी। गौरतलब है कि रविवार शाम को साढे पांच बजे के करीब बागोरिया की ढाणी ग्राम पंचायत व टोडपुरा ग्राम पंचायत की सीमा पर रावा की ढाणी नवड़ी कोठी के रास्ते पर स्थित तीस से चालीस फीट उंचे मिट्टी के टीले पर रोजाना की तरह बड़े भाई प्रिंस के साथ निशा व कृष्ण, प्रिंस एक साथ मिलकर घरोंदे बनाकर खेल रहे थे। खेल के दौरान टीले की मिट्टी टुटकर उनके ऊपर आ गिरी और वो चारों मिट्टी नीचे दब गए। उसी समय रास्ते से गुजर रहे राजकुमार सैनी को मिट्टी गिरती हुई दिखाई दी और एक बच्चे का मिट्टी में दबा हुआ हाथ दिखाई दिया। राजकुमार सैनी ने तुरंत बच्चों को निकालते हुए मदद के लिए दशरथसिंह सहित अन्य को बुलाया गया। बच्चों को निकालकर शीघ्र चिराना अस्पताल में उपचार के लिए लेकर गए। लोगों ने आरोप लगाए कि उस दौरान बच्चों के उपचार के लिए पन्द्रह मिनिट तक कोई भी चिकित्साकर्मी नहीं आया। जिसके बाद शोर शराबा करने पर चिकित्साकर्मी आए और प्रिंस पुत्र पूर्णमल को ऑक्सीजन लगा दी। लेकिन बाकी तीन बच्चे निशा, प्रिंस और कृष्ण को ऑक्सीजन नहीं लगाई गई। जिससे सीकर रैफर करने के दौरान प्रिंस की जान तो बच गई, लेकिन निशा, प्रिंस, कृष्ण ने ऑक्सीजन के अभाव में रास्ते में दम तोड़ दिया। लोगों ने अस्पताल की लापरवाही की वजह बच्चों की जान जाने की बात कही। इधर घायल प्रिंस पुत्र पूर्णमल को चौमू के निजी अस्पताल में उपचार चल रहा है। जिसकी हालत स्थिर बनी हुई है।

बच्चों के शव देखकर हर किसी की आंखों में आंसू थे


मिट्टी में दबने से मौत हुई निशा, कृष्ण, प्रिंस के शव जब उनके घर पहुंचे तो कोहराम मच गया। कृष्ण की मां संपत, प्रिंस की मां सुशीला बेटे का नाम से पुकार पुकार कर बेहोशी हो रही थी। परिजनों को रोरोकर बुरा हाल हो रहा था। मासूम बच्चों के शवों देखकर मौके पर मौजूद हर किसी के आंखों आंसू थे। जिसके बाद निशा, प्रिंस, कृष्ण तीनों बच्चों का चिराना के श्मशान में अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान प्रशासन की ओर से सीआई भगवान सहाय मीणा, नवलगढ तहसीलदार कपिल कुमार, गिरदावर प्यारेलाल चावला, पटवारी सुनील मीणा, मोहम्मद असफाक भी मौजूद रहे है। इधर घटना के बाद डॉ. राजपाल शर्मा, भाजपा जिलाध्यक्ष पवन मावंडिया, भाजपा जिलामंत्री रामस्वरूप सैनी, मूलचंद सैनी पौंख, अरविंद जोया नवलगढ, राजकिशोर सैनी, नरेन्द्र सैनी, सुरेन्द्र सैनी, राजेन्द्र सैनी, सुभाष सुईवाल सहित कई लोग परिजनों को सांत्वना देने के लिए पहुंचे। मौके पहुंचे टोडपुरा व बागोरिया की ढाणी पटवारी सुनील मीणा, मोहम्मद असफाक ने मुख्यमंत्री सहायता कोष के लिए मौका रिपोर्ट तैयार की।
तीनों बच्चे परिवार में सबसे छोटे और लाडले थे


मिट्टी में दबने से जिन तीन बच्चों की मौत हुई वे परिवार में सबसे छोटे थे। मृतक कृष्ण चार भाई बहिनों में सबसे छोटा था। मृतक प्रिंस भी दो भाइयों में सबसे छोटा था। इधर मृतक निशा भी तीन भाई बहिनों में सबसे छोटी थी। मृतक कृष्ण व प्रिंस के पिता सुरेश, महेश दोनो सगे भाई है। एक साथ ही एक ही मकान में रहते है। कृष्ण का पिता सुरेश मजदूरी करके अपने परिवार को पालन पोषण करता है। प्रिंस का पिता महेश बागोरिया की ढाणी में निजी स्कूल में पढाता है। मृतक निशा का पिता पूर्णमल सीकर सब्जी बेचकर अपने परिवार को पालन पोषण करता है। तीनों ही परिवारों की आर्थिक स्थिती कमजोर है।
जहां जान का खतरा वहां बच्चों को खेलने से रोके परिजन


मिट्टी में दबने से तीन मासूम बच्चों की मौत की घटना के बाद ऐसा घटना दुबारा किसी के साथ न हो। इसके लिए परिजनों को अपने छोटे बच्चों को ऐसी जगह खेलने से रोकना चाहिए, जहां उनको उनकी जान का खतरा हो।
इनका कहना है-
बेहद दुखत घटना घटित हुई है। मिट्टी में दबने से तीन मासूम बच्चों की मौत हुई है। एक बच्चे का अस्पताल में उपचार चल रहा है। जिसकी स्थिती अभी स्थिर बनी हुई है। मृत बच्चों के शवों का पोस्मार्टम करवाकर परिजनों सूपुर्द करके अंतिम संस्कार करवाया गया है। परिजनों की रिपोर्ट के आधार मामले की जांच की जाएगी।
-भगवान सहाय मीणा, सीआई उदयपुरवाटी।
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