जांच अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार प्रधानाध्यापक को शनिवार को न्यायालय में पेश किया। जहां से उसे रिमाण्ड पर लिया गया है। उससे पूछताछ की जा रही है। तकनीकी एक्सपर्ट से डिलीट किए चेट भी वापस मंगवाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इधर, मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला कलक्टर यूडी खान व एसपी मनीष त्रिपाठी ने पीडि़ता के गांव पहुंचकर आश्वासन दिया। जिला कलक्टर ने झुंझुनूं डीईओ प्रारम्भिक मनोज कुमार ढाका को हर स्कूल में काउंसलिग करवाने के निर्देश जारी किए। झुंझुनूं डीईओ प्रारम्भिक मनोज कुमार ढाका ने शनिवार को स्कूल का जायजा लिया तथा सभी पांचों शिक्षकों निलंबित कर दिया। घटना के दौरान छुट्टी पर चल रही एक अध्यापिका को ही स्कूल में ही रखा गया है। स्कूल में नया स्टाफ लगाया गया है।
प्रधानाध्यापक गिरफ्त में, फिर भी रजिस्टर में साइन
जिला कलक्टर यूडी खान, एसपी मनीष त्रिपाठी, सीडीईओ पितराम काला, डीईओ प्रारंभिक मनोज कुमार ढाका व सीबीईओ जगबीर सिंह की टीम शनिवार सुबह स्कूल में जांच के लिए पहुंची। टीम ने स्कूल का उपस्थिति रजिस्टर देखा तो उसमें प्रधानाध्यापक के 16 अक्टूबर के कॉलम में हस्ताक्षर किए हुए थे। बाद में हस्ताक्षर को ब्लेड से काटकर मिटाने का प्रयास भी किया गया था। जबकि प्रधानाध्यापक को 15 अक्टूबर को सुबह ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद ना तो उसकी जमानत हुई और ना ही वह पुलिस गिरफ्त से छूटा।
सरपंच के घर में रहता था आरोपी
आरोपी प्रधानाध्यापक गांव के सरपंच के पुराने घर में किराये पर रहता था। इस घर में अकेला प्रधानाध्यापक ही रहता था। सरपंच का परिवार दूसरी जगह रहता है। इस मामले में राज्य बाल आयोग ने भी संज्ञान लेकर झुंझुनूं पुलिस अधीक्षक से तीन दिन में रिपोर्ट मांगी है।
लम्बे समय से छुट्टी पर चल रही एक अध्यापिका को छोड़कर स्कूल के सभी शिक्षकों को निलम्बित कर दिया गया है। हर स्कूल में काउंसलिंग की जाएगी। दीवारों पर चाइल्ड हैल्प लाइन नम्बर लिखवाए जाएंगे। जल्द से जल्द सरकारी सहायता राशि दिलाई जाएगी।
यूडी खान, कलक्टर