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जाकिर का चेहरा देखकर ही लोग छोड़ देते हैं तम्बाकू, पान-मसाला

locationझुंझुनूPublished: Feb 07, 2019 12:45:17 pm

Submitted by:

manish mishra

झुंझुनूं. कैंसर का नाम सुनते ही लोगों के होश उड़ जाते हैं, अगर किसी को ये पता चल जाए कि वो इस बीमारी से पीडि़त है तो उसके सहित परिवार का सुख-चैन उड़ जाता है ।

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जाकिर का चेहरा देखकर ही लोग छोड़ देते हैं तम्बाकू, पान-मसाला

झुंझुनूं. कैंसर का नाम सुनते ही लोगों के होश उड़ जाते हैं, अगर किसी को ये पता चल जाए कि वो इस बीमारी से पीडि़त है तो उसके सहित परिवार का सुख-चैन उड़ जाता है । लेकिन शहर के मोहल्ला इमाम नगर में रहने वाले जाकिर सिद्दीकी को जब स्वयं के कैंसर होने की जानकारी लगी तो हिम्मत नहीं हारी, लगातार इलाज व खान-पान में सावधानी बरत कर बीमारी को मात दी।अब वो दूसरों को तम्बाकू, पान-मसाले से होने वाले नुकसान के बारे में लोगों को जागरूक कर व्यसन को छोडऩे के लिए प्रेरित करने में जुटे हुए हैं। उन्होंने इसे अपने जीवन का मकसद बना लिया है।
दवा कम्पनी से जुड़े मोहल्ला इमाम नगर के जाकिर सिद्दीकी ने बताया कि बचपन में शौक के तौर पर पान मसाला खाना शुरू किया था, लेकिन धीरे-धीरे उन्हें इसकी लत से लग गई।उन्होंने बताया कि खाना भूल जाते लेकिन तम्बाकू व पान मसाला उनके लिए जरूरी हो गया था, नहीं मिलने पर बैचेन हो जाते थे।रात में कभी पान मसाला नहीं होने पर गाड़ी लेकर दुकान तलाशने के लिए निकल जाते थे कही से उन्हें एक पैकेट मिल जाए तो रात निकल जाए।उन्होंने बताया कि एक दिन मुंह में छोटा छाला हुआ, लगातार इलाज के बावजूद भी ठीक नहीं हुआ तो परेशान हो गए।तीन चार और छाले होने पर जांच करवाने चिकित्सक के पास पहुंचे तो बायोप्सी करवाने की सलाह दी।
रिपोर्ट आने पर फूटी रूलाई
जाकिर ने बताया कि रिपोर्ट में कैंसर होने की जानकारी लगने पर उनकी रूलाई फूट गई, ये बात घर आकर बताई तो सभी अनिष्ट की आशंका को देखते हुए परेशान हो गए।लेकिन इस परेशानी के वक्त में उनकी मां, पत्नी, रिश्तेदार व मित्रों ने उन्हें हौसला बंधाया।उन्होंने बताया कि कैंसर का इलाज करवाया, इसके बाद से अबतक स्वस्थ्य है। हालांकि ऑपरेशन के बाद चेहरे में बदलाव आ गया है।ऑपरेशन के बाद चीजें निगलने में काफी दिक्कत होती है।
चेहरा दिखाकर करते है नशा छोडऩे के लिए प्रेरित
उन्होंने बताया कि ठीक होने के बाद लोगों को इस व्यसन को छुड़वाने का मकसद बनाया।इसकी शुरूआत पहले घर से कही।उसके बाद में अभी तक करीब तीन सौ से अधिक लोगों को प्रेरित कर नशा छुड़वाने में कामयाब रहे हैं।तम्बाकू, पान-मसाला खाने वाले को स्वयं का चेहरा दिखाकर लत को छोडऩे के लिए कहते हैं, लोगों को तम्बाकू जनित उत्पादों के दुष्परिणामों के बारे में भी बताते हैं।समय-समय पर स्कूल, कॉलेजों में जागरूकता शिविर लगाते हैं।

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