बरसात और ओलावृष्टि से हुए गेहूं के आंकलन के नुकसान का पूर्णतया जायजा लेने के बाद राजस्व विभाग के गिरदावर, पटवारी व कृषि विभाग के पर्यवेक्षक व एएओ रिपोर्ट तैयार कर संबंधित तहसीलदों को रिपोर्ट करेंगे। इसके बाद तहसीलदार अपनी रिपोर्ट कलक्टर को सौंप देंगे। कलक्टर नुकसान की रिपोर्ट?0 तैयार कर राज्य सरकार को भेज देंगे। बाद में मुआवजा देने की प्रक्रिया सरकार के पास रहेगी।
तो नहीं मिलेगा मुआवजा!
प्रशासन के प्रारंभिक आंकलन में औसत 15 फीसदी नुकसान के आंकलन को किसान गलत ठहरा रहे हैं। जबकि नुकसान ज्यादा होना बताया जा रहा है।
प्रशासन जितना कम नुकसान दिखाएगा उतने ही किसानों को मुआवजा मिलने की उम्मीद कम हो जाएगी।
चिड़ावा. उपखंड क्षेत्र की किशोरपुरा, भुकाना एवं किठाना पंचायत में बुधवार दोपहर में ओले गिरने से गेंहू व जौ की फसल में खराबा हुआ। जिसका जायजा लेने के लिए प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। कृषि अधिकारी कमलेश कुमार, गिरदावर नत्थूराम भगत, पटवारी भरतसिंह, पटवारी जयपाल ने खेतों में पहुंचकर खराबे का जायजा लिया। किशोरपुरा सरपंच रामनिवास चौधरी की देखरेख में किसानों ने ओलावृष्टि से हुए नुकसान की जानकारी दी।
जिसके आधार पर अधिकारियों ने रिपोर्ट तैयार की। हालांकि प्रशासन ने ओलावृष्टि से मामूली खराबा माना है। मगर किसान ज्यादा नुकसान बता रहे हैं।
तहसीलदार ज्वालासहाय मीणा ने बताया कि टीम ने खेतों में हुए नुकसान का जायजा लिया। जिसके आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई। प्रशासन की टीम ने पदमपुरा गांव में दस फीसदी खराबा माना है। मगर किसानलों का कहना है कि ओलावृष्टि से 8 0 प्रतिशत तक फसल खराब हो गई। ग्रामीणों ने ओलावृष्टि से हुए खराबे का मुआवजा दिलवाने की मांग की। उधर, प्रशासन की टीम ने भुकाना पंचायत के लोदीपुरा एवं किठाना पंचायत के खेतों में भी हुए नुकसान का जायजा लिया।
&बुहाना क्षेत्र के गांवों में बरसाती पानी भर जाने तथा चिड़ावा क्षेत्र में ओलावृष्टि के कारण औसत 15 फीसदी नुकसान का आंकलन है। ओले गिरने से गेहूं की खड़ी फसल में बालियां बिखर गई हैं। वहीं कटी फसल में पानी भर जाने से दाना बदरंग होने की संभावना बढ़ गई है। प्रांरभिक तौर पर आंकलन औसत 15 फीसदी माना जा रहा है। जौ, चना व सरसों में भी नुकसान हुआ है।
डा. राजेंद्र लाम्बा, उप निदेशक कृषि विस्तार झुंझुनूं
फसल खड़ी फसलें कटी पड़ी फसलेें बुआई रकबा
गेहूं 9000 20000 90200
चना – 7000 81000
सरसों – 8600 62000
जौ – 600 11500
(सारणी में दर्शाए गए आंकड़े कृषि विभाग के अनुसार हैं)
फसल नुकसान
गेहूं 15 प्रतिशत
जौ 08 प्रतिशत
सरसों 06 प्रतिशत
चना 10 प्रतिशत