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पानी बचाने के लिए झुंझुनूं के इस गांव में हुआ यह काम

locationझुंझुनूPublished: Jun 11, 2019 12:16:16 pm

Submitted by:

gunjan shekhawat

गांव से करीब तीन किलोमीटर दूर स्थित जोहड़ी में लोग पैदल चलकर अभियान को सफल बनाने के लिए वहां पहुंचे तथा श्रमदान किया।

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झुंझुनूं. जिले के गुढागौडज़ी क्षेत्र के सिंगनोर गांव के लोगों ने राजस्थान पत्रिका के अमृतं जल्म अभियान से प्रेरित होकर भूरानका जोहड़ स्थित पक्के तालाब को सोमवार को साफ किया। गांव से करीब तीन किलोमीटर दूर स्थित जोहड़ी में लोग पैदल चलकर अभियान को सफल बनाने के लिए वहां पहुंचे तथा श्रमदान किया। कार्यक्रम आयोजक डॉ. मनीष गोदारा ने बताया कि 10 जून को अपनी माता मूंगेश्वरी देवी की पुण्यतिथि को यादगार बनाने के लिए वे इस कार्यक्रम का हिस्सा बने। सुबह 6 बजे से शुरू होकर करीब तीन घंटे तक लोगों ने श्रमदान कर तालाब से पड़ा कचरा व मिट्टी निकालकर सफाई की। राजस्थान पत्रिका के सामाजिक सरोकारों से प्रेरित होकर लोगों ने पानी बचाने व उसका संग्रहण करने की शपथ ली। लोहागर्ल धाम के संत अवधेषाचार्य व डॉ. हरिसिंह गोदारा ने मौजूद लोगों को शपथ दिलाई। संत ने कार्यक्रम में शपथ दिलाते समय बताया कि पौधे व पानी प्रकृति की सबसे अनमोल वस्तु है। इसके अधिक दोहन से जीवमात्र का जीवन संकट में आ जाता है। इसलिए जल संग्रहण व पौधेरोपण मनुष्य को अपना पहला धर्म समझना चाहिए। श्रमदान के बाद तालाब के आस-पास चारों ओर पौधरोपण भी किया गया। इस दौरान पंद्रह पौधे लगाकर लोगों ने उनकी देखभाल की जिम्मेदारी ली।
इन्होंने किया श्रमदान
अभियान को सफल बनाने के लिए सैकड़ों ग्रामीणों ने श्रमदान में हिस्सा लिया।
श्रमदान करने वालों में संत अवधेषाचार्य, केजीआइ संस्था अध्यक्ष डॉ हरिसिंह गोदारा, वैज्ञानिक सीताराम सैनी, हरीश पंवार, एडवोकेट मोतीलाल सैनी, जगदीश बिशनपुरा, दिनेश सांखला, शिवराम सांखला, सुनिल गोदारा, देवकरण चौधरी थे। महिलाओं में वेदकौर गोदारा,सरबती, शांति, अनिता, सुनीता, प्रभाती,सुमन आदि
शामिल थी।

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