महिला किसान मूली देवी का कहना है कि प्याज के भाव बढऩे से खुशी हुई है लेकिन सरकार के प्याज का समर्थन मूल्य 20 रुपए प्रति किलो घोषित करना चाहिए। साथ ही समर्थन मूल्य पर हर वर्ष प्याज की खरीद भी करनी चाहिए।
राजस्थान व दिल्ली सहित उत्तर भारत में प्याज नासिक से आता है, यहां पर इस बार ज्यादा बरसात होने के कारण प्याज की फसल खराब हो गई।इस कारण भाव बढ़े हैं। सरकार अभी बाहर से प्याज नहीं मंगवा रही, इस कारण भी भावों में तेजी आई है। हाड़ौती क्षेत्रमें भी कई जगह प्याज की खेती होती है, वहां भी इस बार बरसात से फसल खराब हो गई।
कई वर्षों से प्याज की खेती कर रहे चेतराम सैनी, मुक्ति लाल, बनवारी लाल,भादर मल सैनी, पेपाराम सैनी का कहना हैकि बाजार भाव बढ़े हैं, लेकिन आस – पास की सीकर व नीमकाथाना की मण्डी में ज्यादा भाव नहीं मिल रहे।इस कारण वे दिल्ली व गुरुग्राम ले जाकर प्याज बेच रहे हैं।
इन गांवों में होती प्याज
झुंझुनूं जिले के उदयपुरवाटी उपखंड के अलावा सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ के रशीदपुरा व आस-पास के गांवों में प्याज की बम्पर फसल होती है। हिसार व पंजाब में खूब हो रही मांग
गुढ़ागौडज़ी (गोपीकिशसन). किशोरपुरा निवासी 75 वर्षीय बनवारीलाल गुर्जर ने अपने खेत मे प्याज का भंडारण कर रखा है। उसने बताया कि वह करीब 5 से 7 बीघा जमीन में प्याज की खेती करता है। हर साल उसे लागत मूल्य ही प्राप्त होती है लेकिन इस बार अचानक प्याज की कीमत बढऩे से उसे काफी अच्छा मुनाफा हो रहा है। इस प्याज को बनवारीलाल हिसार, फरीदाबाद व पंजाब की उपनाला मंडी में अच्छे भावों में बेचेगा। बारिश से कुछ नुकसान भी हुआ लेकिन इन बढ़ते भावों ने नुकसान की भरपाई कर दी।