कागजों में ज्यादा, मौके पर कम मिले मजदूर, निरीक्षण में पाया
झुंझुनूPublished: Jun 13, 2020 03:02:32 pm
पचलंगी. नरेगा के कार्यों में गड़बड़ी हो रही है। अधिकारी व जनप्रतिनिधियों के नजदीकी मजदूर काम पर नहीं आ रहे। उनके केवल कागजों में नाम लिखे जा रहे हैं। वे घर बैठे ही भुगतान उठा रहे हैं। इस कारण नियमित मजदूरी करने वाले मजदूरों को पूरी मजदूरी नहीं मिल रही।
कागजों में ज्यादा, मौके पर कम मिले मजदूर, निरीक्षण में पाया
पचलंगी. नरेगा के कार्यों में गड़बड़ी हो रही है। अधिकारी व जनप्रतिनिधियों के नजदीकी मजदूर काम पर नहीं आ रहे। उनके केवल कागजों में नाम लिखे जा रहे हैं। वे घर बैठे ही भुगतान उठा रहे हैं। इस कारण नियमित मजदूरी करने वाले मजदूरों को पूरी मजदूरी नहीं मिल रही। मजदूरी कम मिलने के कारण मजदूर आए दिन प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही। प्रतिदिन 220 की जगह कहीं सौ रुपए मिल रहे हैं तो कहीं 150 रुपए। गांवों में चल रहे मनरेगा कार्यों का शुक्रवार को योजना के उदयपुरवाटी कनिष्ट अभियंता संजय शर्मा ने पचलंगी में निरीक्षण किया तो कुछ ऐसा ही सच सामने आया। कनिष्ट अभियंता शर्मा ने बताया कि नर्सरी में चल रहे एनीकट कार्य पर 78 का मस्ट्रोल जारी था, लेकिन उपस्थित 68 ही थे। वही जोहड़ खुदाई में 60 के मस्ट्रोल जारी था, लेकिन मौके पर 48 ही मिले। जांच के दौरान डिस्प्ले बोर्ड नहीं होने सहित खामियों के लिए मैट को निर्देशित किया व उपस्थित मनेरगा कर्मियों को स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए दिश निर्देश दिए।जीतास में मनरेगा मजदूरों ने काम का किया बहिष्कारमंडावा. हनुमानपुरा पंचायत के जीतास गांव में शुक्रवार को मनरेगा मजदूरों ने मैट को बदलने की मांग को लेकर कार्य का बहिष्कार किया। मस्ट्रोल के पहले दिन ही मजदूरों ने कार्य करने का बहिष्कार कर दिया। हनुमानपुरा पंचायत में शुक्रवार को दो मस्ट्रोल के 60 मजदूरों को कार्य करने की स्वीकृति मिली। जीतास गांव के जोहड़ में चल रहे मनरेगा योजना के तहत कार्य करने के लिए सभी मजदूर कार्य स्थल पर पहुंच गए। कार्य स्थल पर मौजूद एक मैट ने बताया कि उनके के मस्ट्रोल में 45 श्रमिकों को काम करना है। जिसमें केवल 6 मजदूरों ने कार्य करना शुरू किया। बाकी मजदूरों ने कार्य का बहिष्कार कर दिया है। वे काम नहीं कर रहे हैं। इन मजदूरों की मांग है कि नया मैट को बदलकर पुन पुरानी मैट को वापस लगाया जाए। मांग करने वालों में अधिकांश महिला मजदूर हैं। उन्होंने बताया कि काम का पूरा पैसा भी नहीं मिलता हैं। कार्य पर मौजूद दूसरे मस्ट्रोल के मैट ने बताया कि शुक्रवार से ही मिस्ट्रोल का काम शुरू हुआ है। इस मिस्ट्रोल में 14 श्रमिक हैं। जिनमें 13 श्रमिक काम कर रहे हैं।