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– पचास घरों का गांव हरनाथपुरा

locationझुंझुनूPublished: Nov 28, 2020 12:04:35 pm

Submitted by:

Rajesh

– 2 बेटे आइपीएस हैं तो एक बेटी भी आइआरएसमंडावा. गांव हरनाथपुरा (कृष्णियां का बास) जिला मुख्यालय झुंझुनूं से 20 किमी पश्चिम में तथा पंस मंडावा से 10 किमी दूर पूर्व में स्थित है। 50 घरों का छोटा गांव की बड़ी बात यह है कि यहां हर 15 वां व्यक्ति राजपत्रित अधिकारी और कई युवक विदेशों में अध्ययन कर रहे हैं।

- पचास घरों का गांव हरनाथपुरा

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– पचास घरों का गांव हरनाथपुरा
– 2 बेटे आइपीएस हैं तो एक बेटी भी आइआरएस
मंडावा. गांव हरनाथपुरा (कृष्णियां का बास) जिला मुख्यालय झुंझुनूं से 20 किमी पश्चिम में तथा पंस मंडावा से 10 किमी दूर पूर्व में स्थित है। 50 घरों का छोटा गांव की बड़ी बात यह है कि यहां हर 15 वां व्यक्ति राजपत्रित अधिकारी और कई युवक विदेशों में अध्ययन कर रहे हैं। हरनाथपुरा को अधिकारियों का गांव भी कहते हैं। सेवानिवृत आइएएस हरीश कृष्णियां व सतबीर सिंह कृष्णियां ने बताया कि वर्तमान में आइपीएस रणवीर सिंह कृष्णियां दिल्ली में विशेष आयुक्त पुलिस पद पर कार्यरत है। उनकी पुत्री भी आइआरएस स्मृति कष्णियां भी दिल्ली में इन्कम टैक्स ऑफिसर है। आइपीएस प्रहलाद कृष्णियां बीकानेर एसपी है। सुरेन्द्र सिंह कृष्णियां शाहपुरा (जयपुर) में डीएसपी, रघुवीर सिंह सीटीओ इन्कम टैक्स ऑफिस पाली, विरेन्द्र कृष्णियां एसीएफ वन विभाग सीकर, विकास कुमार चिकित्सक, अभिमन्यु कृष्णियां जनरल इंश्योरेंस में मैनेजर, अनिल कृष्णियां सिविल इंजीनियर, विनोद कृष्णियां एक्सइएन, विवेकानंद विश्वविद्यालय में प्रोफेसर, नरोत्तम कृष्णियां चीफ एकाउंट ऑफिसर है। शशीबाला (जीएसटी)सेंट्रल एक्साईज इंसपेक्टर, विमलेश कृष्णियां कोर्ट में रीडर, पंकज कृष्णियां, प्रमोद आमेरियां व रविन्द्र कृष्णियां प्रधानाचार्य, बलबीर सिंह, देवेन्द्र कुमार व्याख्याता, सतबीर सिंह आमेरियां एएसआई, विकास कृष्णियां चिकित्सा विभाग में कर्मचारी है। इसके अलावा राजश्री सिंह राईफल में तथा जयश्री सिंह पिस्टल में नेशनल लेवल के शूटर है। सात युवक आइआइटी में अध्ययनरत हैं।
विदेशों में भी पहुंचे-
विवेकानंद इथोपिया में प्रोफेसर रहे तथा वाशिंगटन से पीएचइडी की। वरूण ने फ्रांस से एमएससी की है। आईआरएस स्मृति ने ऑक्सफोर्ड यूर्निवसिटी लंदन से अर्थशास्त्र से एमए किया। विकास ने चीन से एमबीबीएस किया। रविना ने टीसीएस कंपनी की ओर से नीदरलैंड में सेवाएं दी। अब रविना रोविल स्वीडन में है। देवेश मेरीलैंड में रिसर्च स्कॉलर है। कनिष्क सेंटल्यूनियस में एमबीबीएस, कविश झाझडिय़ा आस्ट्रेलिया से एमटेक व यतीश अमरीका से एमबीबीएस कर रहे हैं।
सेवानिवृत:-
उम्मेद सिंह कृष्णियां, सतीश चंद्र व हरीश कृष्णियां, सेवानिवृत आईएएस, नवरंगराय कृष्णियां, सुखवीर सिंह कृष्णियां व मोहनलाल सेवानिवृत आरएएस, नेमीचंद झाझडिय़ा, महावीर सिंह सेवानिवृत चिकित्सक, सुभाष, सतीश व दलिप सेवानिवृत बैंक मनेजर हैं। पूर्व रीडर रधुवीर सिंह के अलावा गुलझारी लाल कृष्णियां, मदनसिंह कृष्णियां, दयाचंद कृष्णिया, शिवकरण कृष्णियां, राजेन्द्र कृष्णियां व बासुदेव कृष्णियां शिक्षक पद से सेवानिवृत हुए हैं।
गांव का इतिहास:-
पूर्व आरएएस नवरंगराय व पूर्व पीटीआई मदन सिंह ने बताया कि नाथाराम कृष्णियां व लिखमाराम कुष्णियां तथा उनके चार चचेरा भाईयों ने यहां अक्षय तृतीया विक्रम संवत् 1969 (सन् 1912) के दिन कृष्णियां का बास को बसाया। उस समय डूंडलोद ठिकाणा के ठाकुर हरनाथ की सहमति से बसने के कारण राजस्व रिकार्ड में गांव हरनाथपुरा के नाम से दर्ज है। बाद में झाझडिय़ा व आमेरिया भी बस गए। सन् 2012 में शताब्दी वर्ष समारोह मनाया था। उस दौरान गांव के सभी घरों को पिंक कलर से सजाया। समारोह में पूरे गांव का सामूहिक सहभोज तथा गांव की बहिनों व बहनोईयों को सम्मानित किया था। प्रारंभ में कृष्णियां परिवार आकवा (सीकर) में था। वहां से भोजासर फिर हरनाथपुरा में बस गए।
कृषि व पशुपालन:-
गांव में 11 बिजली के कुआं व ट्यूबवैल है। आधे से अधिक व्यक्ति गांव से बाहर रहते हैं। विद्यार्थी अध्ययन के उद्देश्य से गांव से बाहर है। फिर भी लोगों का खेती-पशुपालन से लगाव हैं। बासुदेव कृष्णियां व नरेन्द्र कृष्णियां ने बताया कि कुछ आरएएस व अन्य पदों से सेवानिवृती के बाद शहर छोड़कर वापस ग्रामीण कल्चर में रहने लगे हैं। यहां खेती का काम भी देखते हैं। जो उच्च ओहदों पर पहंचे हैं, वे भी खेतों में ट्यबवैल से सिंचाई करके रबी व खरीफ की फसल की पैदावार लेते हैं। गांव में उप स्वास्थ्य केन्द्र, एक सार्वजनिक कुआं, एक पानी की टंकी, 2 हनुमानजी के मंदिर हैं। एक किमी दूर पूर्व में नूआं रोड पर रामादेवी बालिका पीजी कॉलेज है।
समस्याएं:-
गांव से जिला मुख्यालय व जयपुर जाने के लिए कोई प्राईवेट बस या रोडवेज की सुविधा नहीं है। नूआं से लिंक रोड गांव तक आती है। लेकिन आगे दूसरी तरफ लाडसर-भोजासर सड़क मार्ग पर जाने के लिए कच्चा रास्ता है। जिससे आवागमन करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
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फैक्ट फाइल:-
2011 के अनुसार:-
कुल जनसंख्या-97
कुल घर-23
साक्षरता दर- 82.76 प्रतिशत
(पुरूष साक्षरता-95.56, महिला साक्षरता-69.05)
कुल राजस्व भूमि-492.02 हैक्टेयर
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