scriptझुंझुनूं के जैतून के फल व तेल की दिल्ली व मुम्बई में सबसे ज्यादा मांग | Jhunjhunu's olive fruit and oil demand in Delhi and Mumbai | Patrika News

झुंझुनूं के जैतून के फल व तेल की दिल्ली व मुम्बई में सबसे ज्यादा मांग

locationझुंझुनूPublished: May 26, 2022 08:15:37 am

Submitted by:

Rajesh

पिलानी के निकट झेरली गांव के पास रहने वाले मुकेश मांझु ने बताया कि मैंने एमए बीएड कर रखी है। नेशनल सिक्योरिटी गार्ड से रिटायर्ड होने के बाद अनेक साथियों ने सरकारी नौकरी करने की सलाह दी। लेकिन मैंने कहा कि वह नई तरीके से खेती कर क्षेत्र के किसानों को नई राह दिखाएगा।

झुंझुनूं के जैतून के फल व तेल की दिल्ली व मुम्बई में सबसे ज्यादा मांग

झुंझुनूं के जैतून के फल व तेल की दिल्ली व मुम्बई में सबसे ज्यादा मांग

झुंझुनूं जिले में उग रहे जैतून के पेड़ के लगे फल तथा फलों से निकलने वाले तेल की महानगरों में सबसे ज्यादा मांग है। यहां के फलों का तेल दिल्ली, मुम्बई, गुरुग्राम व दिल्ली सहित अनेक जगह पांच व सात सितारा होटलों में बिक रहा है। मांग इतनी ज्यादा है कि किसान इसकी आपूर्ति नहीं कर पा रहे। पिलानी के निकट झेरली गांव के पास रहने वाले मुकेश मांझु ने बताया कि मैंने एमए बीएड कर रखी है। नेशनल सिक्योरिटी गार्ड से रिटायर्ड होने के बाद अनेक साथियों ने सरकारी नौकरी करने की सलाह दी। लेकिन मैंने कहा कि वह नई तरीके से खेती कर क्षेत्र के किसानों को नई राह दिखाएगा।

जब खेती करनी शुरू की तो लोगों ने मजाक भी किया। लेकिन मैंने किसी की परवाह नहीं की। वर्ष 2015 में जैतून के चार किस्मों के सात बीघा में 400 से ज्यादा पौधे लगाए। तीन-चार साल बाद इनमें फल आने लग गए। फलों से वह लूणकरणसर स्थित सरकारी रिफाइनरी में तेल निकलवाता है। यहां तेल निकलवाने का किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता। तेल इसकी गुठली में नहीं बल्कि गूदे में होता है। अलग-अलग किस्म के फलों से 15 से 25 फीसदी तक तेल निकलता है।

एक हजार रुपए लीटर
मांझु ने बताया कि जैतून का तेल एक हजार से दो हजार रुपए लीटर के भाव से बिकता है। इसकी मांग दिल्ली, गुरुग्राम, चंडीगढ़ व मुम्बई के होटलों में सबसे ज्यादा मांग है।

यह काम आता है तेल

बीडीके अस्पताल में आयुर्वेद के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ महेश माटोलिया के अनुसार जैतून का तेल खाने में भी काम आता है। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। नियमित सेवन से मोटापा कम होता है। हार्ट संबंधित बीमारियों में फायदा होता है। त्वचा के लिए इसका खूब उपयोग किया जाता है। बड़े होटल्स में मसाज व हड्डी संबंधित बीमारियों में काम लिया जाता है। इसके अलावा पिज्जा के ऊपर भी इसके फल लगाए जाते हैं।

इनका कहना है
मुकेश मांझु के खेत में तैयार जैतून के पौधे मैं देखकर आया हूं। उनके फल भी आ रहे हैं। तेल महानगरों में बिकने जा रहा है। यह पेड़ किसानों की तकदीर बदलने वाला है।
-शीशराम जाखड़, सहायक निदेशक उद्यान, झुंझुनूं

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