समूह की ममता जालान ने बताया कि मशीन से अलग-अलग आकार की एक दिन में करीब एक हजार लकडिय़ां तैयार की जा रही है। इसमें दो से तीन फीट की लकडिय़ों को मोक्ष धाम में भेजा जाएगा। छोटी लकडिय़ों के पैकेट बनाए जा रहे हैं यह पैकेट हवन में काम आएगा। इसके अलावा जरूरत के अनुसार अलग-अलग साइज रखी जाएगी। होली पर इस मशीन से बड़कुल्ले भी बनाए जाएंगे।
समूह की रिंकी खंडेलिया व सुमन पंसारी ने बताया कि
मशीन बहुत ही उपयोगी है। इस मशीन में गोबर, नीम के पत्ते घास व अन्य प्रकार के कई पेड़ों की पत्तियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया इस गोकाष्ठ के जलाने से वातावरण शुद्ध होता है। कई बीमारियां व कीटाणुओं का नाश होता है। यह मशीन पटीयाला से मंगवाई है। समूह में
पारुल अग्रवाल, उमा जालान, संगीता जगनानी, सीमा पुरोहित, बबीता, , नितिशा अग्रवाल, सपना राणासरिया, डॉ भावना शर्मा, सरिता जालान व अन्य महिलाएं सहयोग कर रही हैं।
ममता ने बताया कि उनका संगठन लम्बे समय से सक्रिय है। आगे भी वे ऐसे कार्य करते रहेंगे।