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झुंझुनूं की महिलाएं सुधारेंगी नंदीशाला की सूरत

locationझुंझुनूPublished: Jun 24, 2020 12:42:58 pm

Submitted by:

Rajesh

बगड़ रोड स्थित नंदीशाला की सूरत संवारने के लिए महिलाओं ने बीड़ा उठाया है। महिलाओं ने यहां गोबर से लकड़ी (गोकाष्ठ) बनाने की मशीन लगाई है। इस मशीन से बनने वाली लकडिय़ों को बेचने से जो आय होगी उससे नंदीशाला का विकास किया जाएगा।

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विमलेश दाधीच
झुंझुनूं. जिले की महिलाएं शिक्षा के क्षेत्र में बहुत आगे हैं। नौकरियां भी बड़ी संख्या में कर रही है। अब यहां की महिलाएं समाज सेवा में भी आगे आ रही है।
शहर में बगड़ रोड स्थित नंदीशाला की सूरत संवारने के लिए महिलाओं ने बीड़ा उठाया है। महिलाओं ने यहां गोबर से लकड़ी (गोकाष्ठ) बनाने की मशीन लगाई है। इस मशीन से बनने वाली लकडिय़ों को बेचने से जो आय होगी उससे नंदीशाला का विकास किया जाएगा।
#Jhunjhunum Women’s Innovation
समूह की ममता जालान ने बताया कि मशीन से अलग-अलग आकार की एक दिन में करीब एक हजार लकडिय़ां तैयार की जा रही है। इसमें दो से तीन फीट की लकडिय़ों को मोक्ष धाम में भेजा जाएगा। छोटी लकडिय़ों के पैकेट बनाए जा रहे हैं यह पैकेट हवन में काम आएगा। इसके अलावा जरूरत के अनुसार अलग-अलग साइज रखी जाएगी। होली पर इस मशीन से बड़कुल्ले भी बनाए जाएंगे।
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मशीन चलाने के लिए नंदीशाला के कर्मचारी काम कर रहे हैं, वहीं समूह की महिलाएं भी इसमें हर दिन सहयोग कर रही है। मशीन लगे अभी करीब 15 दिन हो गए हैं। जालान ने बताया कि हर दिन करीब दो से तीन हजार रुपए आय होने का अनुमान है। यह पूरी आय नंदीशाला के विकास में लगाई जाएगी।
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समूह की रिंकी खंडेलिया व सुमन पंसारी ने बताया कि
मशीन बहुत ही उपयोगी है। इस मशीन में गोबर, नीम के पत्ते घास व अन्य प्रकार के कई पेड़ों की पत्तियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया इस गोकाष्ठ के जलाने से वातावरण शुद्ध होता है। कई बीमारियां व कीटाणुओं का नाश होता है। यह मशीन पटीयाला से मंगवाई है। समूह में
पारुल अग्रवाल, उमा जालान, संगीता जगनानी, सीमा पुरोहित, बबीता, , नितिशा अग्रवाल, सपना राणासरिया, डॉ भावना शर्मा, सरिता जालान व अन्य महिलाएं सहयोग कर रही हैं।
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आगे भी करते रहेंगे सहयोग
ममता ने बताया कि उनका संगठन लम्बे समय से सक्रिय है। आगे भी वे ऐसे कार्य करते रहेंगे।

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