झुंझुनूं जिले के मलसीसर उपखण्ड क्षेत्र में कुंभाराम नहर लिफ्ट परियोजना का मीठा पानी अब जल्द ही लोगों के घरों में पहुंचने वाला है।
रमाकांत वर्मा/मलसीसर. झुंझुनूं जिले के मलसीसर उपखण्ड क्षेत्र में कुंभाराम नहर लिफ्ट परियोजना का मीठा पानी अब जल्द ही लोगों के घरों में पहुंचने वाला है। परियोजना के तहत मलसीसर में पानी स्टोरेज के लिए गांव झटावा रोड पर बने रिजरवायर की टेस्टिंग पूरी हो चुकी है। रिजरवायर में 7 मीटर पानी के लेवल के बाद पानी बंद कर दिया गया।
उधर बिसाऊ रोड पर बने दूसरे बड़े रिजरवायर टैंक की टेस्टिंग के लिए पानी लेना शुरू कर दिया गया। अभी तक रिजरवायर का लेवल चार फीट तक पहुंच पाया है। कुंभाराम नहर लिफ्ट परियोजना के तहत मलसीसर में नहरी पानी के स्टोरेज के लिए दो रिजरवायर टैंक बनाए गए हैं। परियोजना का कार्य देख रही कम्पनी के अनुसार दोनों रिजरवायर टैंक में पानी आने के बाद मशीनों की टेस्टिंग एवं झुंझुनूं-मलसीसर के बीच पाइप लाइन की टेस्टिंग की जाएगी। उसके पानी झुंझुनूं पहुंचाया जाएगा।
झुंझुनूं शहर में ऐसे पहुंचेगा पानी चूरू जिले के तारानगर से नौ पम्पों के जरिए 1600 एमएम की पाइप लाइन से नहरी पानी मलसीसर रिजरवायर टैंक में पहुंचेगा। रिजरवायर टैंक से पाइप लाइन के जरिये पानी फिल्टर प्लान्ट में पहुंचकर फिल्टर होगा। उसके बाद पानी क्लोरिन हाउस से होकर स्टोरेज टैंक में पहुंचेगा।
कुंभाराम लिफ्ट परियोजना की फैक्ट फाइल कुंभाराम लिफ्ट परियोजना का काम 15 जुलाई 2013 को शुरू किया गया था। शर्तो के अनुसार प्रोजेक्ट पर काम कर रही कम्पनी को 14 जुलाई 2016 तक पानी झुंझुनूं पहुंचाना था।
पहले जमीन संबंधी अड़चन बाद में बजट की कमी के चलते कम्पनी ने काम की रफ्तार धीमी कर दी थी। बजट के बाद कम्पनी ने काम में तेजी लाकर जनवरी 2017 तक पानी झुंझुनूं पहुंचाने की बात कही थी।
18 मई को कम्पनी ने एक पम्प चलाकर मलसीसर रिजरवायर टैंक में पानी लेना शुरू किया था, लेकिन पंजाब में फिर नहरबन्दी के चलते तारानगर में पानी का लेवल कम होने के कारण पीएचईडी ने मलसीसर के लिए पानी बंद कर दिया।
फिलहाल मलसीसर रिजरवायर टैंक में लगातार पानी आ रहा हैं, जिससे रिजरवायर टैंक में अब तक करीब 18 फीट तक पानी आ चुका है। 15 लाख क्यूबिक पानी की क्षमता 11 मीटर गहरे रिजरवायर टैंक की क्षमता 15 लाख क्यूबिक लीटर पानी की है। मलसीसर बिसाऊ मार्ग पर दोनों तरफ 41 हैक्टेयर व 100 हैक्टेयर भूमि पर बने डेम में पानी से पूरी तरह भर जाने के बाद कुछ समय के लिए तारानगर हैड कैनाल से पानी की आपूर्ति बंद भी हो जाए तो डेम में स्टोर पानी से कई दिनों तक लोगों की प्यास बुझाई जा सकती है। झटावा रोड पर बने रिजरवायर का क्षेत्रफल 1.5 लाख वर्ग मीटर है। इसमें 15 लाख क्यूबिक लीटर पानी का स्टोरेज रहेगा।
टेस्टिंग के बाद पानी फिल्टर करने का काम इस समय इसका लेवल करीब 5 मीटर है और पानी का स्टोरेज करीब 7.5 लाख क्यूबिक लीटर है। इस रिजरवायर की टेस्टिंग पूरी हो चुकी है। बिसाऊ रोड पर बने दूसरे बडे रिजरवायर का क्षेत्रफल करीब 4.5 लाख वर्ग मीटर, पानी भरने की क्षमता 45 लाख क्यूबिक लीटर की है। इसकी टेस्टिंग के लिए इसमें तीन दिन पहले पानी छोड़ा गया है। इस रिजरवायर की टेस्टिंग के बाद कंपनी के पास केवल पानी फिल्टर करने का काम रहेगा। झुंझुनूं तक की लाइन की टेस्टिंग भी लगभग पूरी हो चुकी है। फिलहाल मलसीसर से झुंझुनूं तक की पाइप लाइन को खाली करने का काम किया जा रहा है। इसके बाद ही लाइन में फिल्टर पानी छोड़ा जाएगा।
शेखावाटी में अमृत के समान है यह पानी मलसीसर व आस-पास के इलाके में भूजल पाताल की राह पर है, जो भूजल उपलब्ध हो रहा है उसमें फ्लोराइड की मात्रा अधिक है। ऐसे में अब हिमालय का पानी अमृत के समान साबित होगा।
यहां के लोगों को पानी का इन्तजार परियोजना में मलसीसर, झुंझुनूं, खेतड़ी, सीकर के 18 शहर-कस्बे और एक हजार 473 गांव शामिल है। परियोजना का काम पूरा होने के बाद यहां के लोगों को हिमालय का मीठा पानी उपलब्ध होगा।
इस तरह से चला परियोजना का कामप्रोजेक्ट के प्रथम चरण की गति: प्रथम चरण के दौरान डेम के लिए 10 पोपलेन मशीनें और 50 डंपर लगे थे और पाइप लाइन डालने का काम जिस गति से चल रहा था तब ऐसा लग रहा था कि तीन साल में झुंझुनूं सहित पूरे शेखावाटी के लोगों को हिमालय का पानी पीने को मिलेगा।
दूसरा चरण : दूसरे चरण की स्थिति हिमालय का पानी तारानगर हैड इंदिरा गांधी कैनाल से मलसीसर तक 52 किमी तक 1600 एमएम व मलसीसर से झुन्झुनूं तक 38 किमी में 1500 एमएम की पाईप लाईन डालने का काम किया गया।
तीसरा चरण : परियोजना के तीसरे चरण के दौरान दो डेम, चार क्लोरिन हाउस, चार फिल्टर प्लान्ट, दो फिल्टर प्लान्ट वाटर स्टोरेज टैंक व दो पम्प हाउस का निर्माण किया गया। फैक्ट फाइल परियोजना का शुभारम्भ – अगस्त 2013 पूर्ण होना था – 30 जुलाई 2016 फिलहाल कार्य हुआ- 96 प्रतिशत कुल बजट – 588 करोड़ रुपए
इनका कहना है… फिलहाल कम्पनी ने प्रोजेक्ट का लगभग काम पूरा कर दिया है। बड़े रिजवायर टैंक की टेस्टिंग चल रही है। शीघ्र की पानी फिल्टर की प्रोसेसिंग चालू करके हिमालय का मीठा पानी झुंझुनूं तक पहुंचा दिया जाएगा। -बी.प्रसाद, प्रोजेक्ट मैनेजर, कुंभाराम नहर लिफ्ट परियोजना, मलसीसर