#mahashivratri2022
बन रहा है ये दुर्लभ संयोग
मिश्रा के अनुसार महाशिवरात्रि पर धनिष्ठा नक्षत्र में परिध योग रहेगा। फिर धनिष्ठा के बाद शतभिषा नक्षत्र रहेगा। इसके अलावा परिध योग और शिव योग रहेगा। कहते हैं कि यह योग शत्रु पर विजय दिलाने में बहुत अहम होते हैं। महाशिवरात्रि पर मकर राशि में पंचग्रही योग बन रहा है। इस दिन मंगल, शनि, बुध, शुक्र और चंद्रमा रहेंगे। लग्न में कुंभ राशि में सूर्य और गुरु की युति रहेगी। राहु वृषभ राशि, जबकि केतु वृश्चिक राशि में रहेगा। यह ग्रहों की दुर्लभ स्थिति है और खासी लाभकारी है। शिवरात्रि के दिन शिव जी का पंचामृत से अभिषेक करें। चंदन का तिलक लगाएं। बील्वपत्र, भांग, धतूरा, गन्ने का रस, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र और वस्त्र आदि अर्पित करें। शिव जी के सम्मुख दीप जलाएं और केसर युक्त खीर का भोग लगाएं। नमो भगवते रूद्राय, नम: शिवाय, रूद्राय शम्भवाय भवानीपतये नमो नम: मंत्र का जाप करें।
बन रहा है ये दुर्लभ संयोग
मिश्रा के अनुसार महाशिवरात्रि पर धनिष्ठा नक्षत्र में परिध योग रहेगा। फिर धनिष्ठा के बाद शतभिषा नक्षत्र रहेगा। इसके अलावा परिध योग और शिव योग रहेगा। कहते हैं कि यह योग शत्रु पर विजय दिलाने में बहुत अहम होते हैं। महाशिवरात्रि पर मकर राशि में पंचग्रही योग बन रहा है। इस दिन मंगल, शनि, बुध, शुक्र और चंद्रमा रहेंगे। लग्न में कुंभ राशि में सूर्य और गुरु की युति रहेगी। राहु वृषभ राशि, जबकि केतु वृश्चिक राशि में रहेगा। यह ग्रहों की दुर्लभ स्थिति है और खासी लाभकारी है। शिवरात्रि के दिन शिव जी का पंचामृत से अभिषेक करें। चंदन का तिलक लगाएं। बील्वपत्र, भांग, धतूरा, गन्ने का रस, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र और वस्त्र आदि अर्पित करें। शिव जी के सम्मुख दीप जलाएं और केसर युक्त खीर का भोग लगाएं। नमो भगवते रूद्राय, नम: शिवाय, रूद्राय शम्भवाय भवानीपतये नमो नम: मंत्र का जाप करें।
पंच ग्रहों का संयोग
इस बार महाशिवरात्रि पर पंच ग्रहों के योग का महासंयोग और दो महाशुभ योग बन रहे हैं, जो मनोरथ पूर्ण करने वाला माना है। मंगलवार को मकर राशि में शुक्र, मंगल, बुध, चंद्र, शनि के संयोग के साथ ही केदार योग भी बनेगा, जो पूजा उपासना के लिए विशेष कल्याणकारी है। शिव पूजन का संयोग 28 फरवरी यानी सोमवार को प्रदोष से शुरू होगा। इसके चलते दो दिनों तक पूजन अनुष्ठान होंगे। एक मार्च को महाशिवरात्रि और दो मार्च को अमावस्या होगी।
इस बार महाशिवरात्रि पर पंच ग्रहों के योग का महासंयोग और दो महाशुभ योग बन रहे हैं, जो मनोरथ पूर्ण करने वाला माना है। मंगलवार को मकर राशि में शुक्र, मंगल, बुध, चंद्र, शनि के संयोग के साथ ही केदार योग भी बनेगा, जो पूजा उपासना के लिए विशेष कल्याणकारी है। शिव पूजन का संयोग 28 फरवरी यानी सोमवार को प्रदोष से शुरू होगा। इसके चलते दो दिनों तक पूजन अनुष्ठान होंगे। एक मार्च को महाशिवरात्रि और दो मार्च को अमावस्या होगी।