जानकारी के अनुसार मलसीसर निवासी खलील व्यापारी (52) पुत्र सिराजुद्दीन बडगुजर दुबई के फुजेराह शहर में काम के सिलसिले में रह रहा था। सोमवार रात को करीब 10 बजे मस्जिद में नमाज पढऩे के बाद मस्जिद से निकलते ही मुख्य सड़क पर पीछे आ रही गाड़ी से टक्कर मार दी। जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
खलील व्यापारी करीब 30 साल से दुबई में बतौर सफाईकर्मी का कार्य कर रहा था। खलील व्यापारी छह माह पूर्व ही घर से दुबई के लिए गए था। ईद के बाद वापस आने वाले थे, लेकिन सोमवार को ही सड़क दुर्घटना में उनकी मौत हो गई।
मृतक के शव को भारत लाने के लिए जरूरी कागजात तैयार कर सम्बन्धित कार्यालय में भिजवाये जा चुके हैं। हालांकि घर में घटना के बारे में किसी को अभी तक जानकारी नहीं है। मृतक के परिवार में उनकी पत्नी के अलावा दो पुत्री व दो पुत्र हैं जिनमें से दोनों बेटियां शादीशुदा हैं।
मेडिकल प्रमाण पत्र बनाने की एवज में रिश्वत लेते नेत्र सहायक व गॉर्ड गिरफ्तार
– राजकीय बीडीके अस्पताल में एसीबी की कार्रवाई
झुंझुनूं. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने बुधवार को एक फार्मासिस्ट को मेडिकल प्रमाण पत्र देने की एवज में पांच हजार रुपए की रिश्वत लेते राजकीय बीडीके अस्पताल के नेत्र विभाग में कार्यरत नेत्र सहायक बगड़ निवासी महेन्द्र सिंह जाट व प्रतापपुरा बगड़ निवासी गार्ड प्यारेलाल मेघवाल को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
एसीबी के सीआई हवासिंह ने बताया कि सुलताना में कार्यरत फार्मासिस्ट जयप्रकाश का गत वर्ष 16 नवम्बर को दुर्घटना में बाया पैर फ्रेक्चर हो गया। 61 दिनों तक राजकीय बीडीके अस्पताल में उपचार चला। उपचार के बाद प्रमाण पत्र खेतड़ी बीसीएमओ को पेश करने पर मानने से इंकार करते हुए मेडिकल बोर्ड का प्रमाण पत्र लाने के लिए कहा। इस पर पीडि़त के पीएमओ डॉ. शीशराम गोठवाल से मिलने पर पर नेत्र सहायक महेन्द्र सिंह जाट से सम्पर्क करने के लिए कहा।
सौ रुपए प्रतिदिन के हिसाब से मांगी रिश्वत
पीडि़त ने बताया कि आरोपित नेत्र सहायक ने प्रमाण पत्र की एवज में सौ रुपए प्रतिदिन के हिसाब से 61 दिनों के 6100 रुपए की मांग की। मामले को लेकर पीडि़त की ओर से एसीबी कार्यालय में शिकायत की। सुबह सत्यापन करवाने पर प्रथम किस्त पांच हजार रुपए देने की बात कही। दूसरी किस्त एक हजार रुपए बाद में देना तय हुआ।
गार्ड को दी रिश्वत
नेत्र सहायक ने परिवादी को पांच हजार रुपए की राशि गार्ड प्यारेलाल मेघवाल को देने की बात कही। उसके कहे अनुसार रिश्वत राशि गार्ड को दे दी। बाद में चार हजार रुपए नेत्र सहायक महेन्द्र सिंह व एक हजार रुपए गार्ड ने रख लिए। इशारा मिलते ही टीम ने दोनों को रिश्वत की राशि सहित दबोच लिया।