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शेखावाटी के इस गांव के युवकों ने पेश की मिसाल, लाखों का पैकेज छोड़ सेना में बने अफसर

locationझुंझुनूPublished: Sep 03, 2017 06:31:00 pm

Submitted by:

Kamlesh Sharma

हाथ में लाखों का पैकेज, दिल में फौजी बनने की हसरत और मन में अनकों दुविधा। दुविधा इसलिए कि फौजी की तैयारी करूं या निजी कम्पनी में जाऊ।

Malsisar youth

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मलसीसर। हाथ में लाखों का पैकेज, दिल में फौजी बनने की हसरत और मन में अनकों दुविधा। दुविधा इसलिए कि फौजी की तैयारी करूं या निजी कम्पनी में जाऊ। मुश्किल तब ओर भी बढ़ गई जब तीन बार के प्रयास में भी सेना में भर्ती नहीं हो सका। लेकिन फौजियों का गांव कहलाए जाने वाला गांव जाबासर जहां के हर घर में फौज में भर्ती होकर देश की सेवा करना ही हर नवयुवक का सपना हो वों आसानी से हार मानने वाले कहां। परिवार के बडे बुजुर्ग जिनसे हमेशा देश सेवा की कहानी सुनी एवं उन्ही देशभक्तों का खुन जिन रगों में दौड़ रहा था उसकी जाबासर निवासी जिशान खान ने चौथे प्रयास में लेफ्टिनेंट बनने का सपना पूरा किया।
वहीं दुसरी ओर जाबासर की ही रूखसार खान मलसीसर उपखण्ड क्षेत्र की नेवी में तटरक्षक अधिकारी बनने वाली पहली महिला है। दुसरी ओर जाबासर ग्राम पंचायत के ही हमीर खां का बास के आरिफ खान का नाम शॉर्य चक्र सम्मान पाने वालों की लिस्ट में शामिल हुआ है। रविवार को कस्बे के निकटवर्ती गांव जाबासर में पंचायत के होनहारों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया जिसमें भारतीय सेना, राजस्थान पुलिस, सिविल सर्विस एवं अन्य क्षेत्र में उच्च पद हासिल करने वाले प्रतिभावान का स्वागत अभिनन्दन किया गया।
सम्मान समारोह के दौरान जाबासर निवासी लेफ्टिनेंट जिशान खान, भारतीय तटरक्षक महिला अधिकारी रूखसार खान, शौर्य चक्र से सम्मानित हमीर खां का बास निवासी आरिफ खान, अधिशाषी अधिकारी जुबेर खान, डॉ इखलाक खांन जवाहरपुरा, डॉ मारूफ जाबासर, प्रधानाध्यापक फारूख खान, नयुम खान एवं सीआई अमीर हसन का सम्मान किया गया। इससे पूर्व कायमखानी समाज जाबासर, हमीर खां का बास, पिथुसर एवं मलसीसर के युवकों द्वारा मलसीसर के जाबासर तक बाईक रैली निकाली गई। रैली का कस्बे में कई जगहों पर पुष्पवर्षा के साथ स्वागत किया गया। प्रतिभावान सम्मान समारोह के दौरान ग्राम सरपंच फरजाना बानो, मलसीसर सरपंच बिस्मिल्ला चौहान, ईरशाद खान, गुलामनबी खां, मुस्तफा खां, सज्जाद खां, पिरू खां, जसवन्त खां, कैप्टन सिकन्दर खा, सुबेदार खादिम खान, पूर्व सरपंच शमशाद खान, पूर्व सरपंच हाफिज खां धनूरी एवं कस्बे सहित काफी लोग उपस्थित थे।
आरिफ ने श्रीनगर में किया था आंतकी को ढ़ेर
जाबासर ग्राम पंचायत के हमीर खां का बास के जांबाज सिपाही आरिफ खांन ने 18 मार्च को श्रीनगर के पुलवामा इलाके में घुसे आतंकबादियों से मुई मुठभेड़ में बहादुरी से सामना करते हुए एक आतंकी को मार गिराया था। इसी बहादुरी के लिए सेना ने जाबांज सिपाही आरिफ खान का नाम शौर्य चक्र के लिए प्रस्तावित किया है।
मात्र 18 की उम्र में बन गए थे सैनिक
जाबसर ग्राम पंचायत के हमीर खां का बास मे बाबू खां के घर जून 1994 में जन्में आरिफ ने प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही पूरी की। जाबासर से सीनियर करने के बाद मात्र 18 वर्ष की आयु में ही 5 अक्टूबर 2012 को भारतीय सेना में 16 ग्रेनेडियर में चयनित हो गए। लेफ्टिनेंट जिशान को दो बार मिला था नौकरी का मौका जिसान खान ने बताया कि आर्मी में सलेक्शन से पहले 2015 में दो कम्पनियों की ओर से जॉब मिली। एक कम्पनी पे साढ़े तीन लाख व दूसरी कम्पनी दो लाख 80 हजार का पैकेज दिया, दिल में फौजी बनने का जजबा था इसलिए लाखों का पैकेज छोड़कर सेना में जाने की तैयारी करने लगा। वर्ष 2016 में 12 जनवरी, 14 जुलाई, 29 सितम्बर और 24 नवम्बर को प्रयास किया। चौथे प्रयास में मिली सफलता।
यहां हर परिवार में फौजी बनने की परम्परा
देश में फौजियों की खान के नाम से अपनी पहचान बनाने वाली जाबासर पंचायत के लगभग हर घर में फौजी मिलेगें। फौज में भर्ती होकर देश कर सेवा करना एक परम्परा बन गई है। क्षेत्र के नवयुवकोंं में सेना में भर्ती होने का जुनून आज भी मौजुद है। उपखण्ड ईलाके के जाबासर, हमीर खां का बास, मलसीसर, धनूरी ईलाके में अलसुबह ही रोजाना काफी युवक सेना में भर्ती होने से पहले की तैयारी के लिये दौड लगाते मिल जायेगें।
हर वर्ष सैकडों की संख्या में यहां के युवक सेना में भर्ती होकर परिवार की परम्परा को आगे बढ़ा रहे है। जाबासर ग्राम पंचायत के कई घर ऐसे भी है जहां लगातार चार-चार पीढ़िया देश सेवा के लिए सेना में भर्ती हो चूकी है।

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