बैठक में पूर्व विधायक हजारीलाल गुर्जर, कांग्रेस के ब्लाक अध्यक्ष प्रथम गोकुलचन्द सैनी, ब्लाक अध्यक्ष द्वितीय ग्यारसीलाल गुर्जर, पूर्व प्रधान बजरंगसिंह चारावास व मदनलाल गुर्जर, महिला कांग्रेस ब्लाक अध्यक्ष गुड्डी देवी, पंचायत समिति सदस्य सरदाराराम सैनी, श्रवणदत नारनोलिया, कैप्टन पाबुदान सिंह नंगली, महावीर प्रसाद तोगडिय़ा, रामनिवास बांकोटी, हरीश डोई, संजय देव गुर्जर, नरेन्द्र सिंह झाझडिय़ा, राजकुमार ढाका, बलबीर मीणा, योगेश शास्त्री, होशियार सिंह मेहाड़ा, विजयसिंह शेखावत, शंकरलाल बीलवा, प्रभु कुमावत, हरीराम गोठडा, चुन्नीलाल चनेजा, प्यारेलाल खरखड़ा, उम्मेदसिंह मान, लक्ष्मीनारायण सैनी, अब्दुल गफ्फार, लक्ष्मीनारायण मीणा, महेन्द्र शर्मा, रोताश कांकरिया, डा.किशोरीलाल यादव, विजय सिंह ठाठवाड़ी, प्रकाश अवाना, विजय कुमार सैनी, बजरंगलाल सैनी, रोताश मीणा, किशोरीलाल फागना, राजेश खटाना, उम्मेदसिंह बुरका, थावरसिंह छाबड़ी, सुनील कुमार सहित दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद थे।
इधर ओला को भी आया गुस्सा
झुंझुनंू. राज्यमंत्री बनाने से नाराज झुंझुनूं विधायक बृजेन्द्र ओला ने सचिन पायलट और प्रभारी अजय माकन के सामने अपना विरोध दर्ज कराया और गुस्सा भी दिखाया।
जानकारी के अनुसार दो दिन पहले जैसे ही मंत्रियों की घोषणा हुई और ओला का नाम राज्यमंत्री की सूची में आया। वे नाराज हो गए। सचिन पायलट और माकन के सामने अपना विरोध दर्ज कराया। ओला ने प्रभारी के सामने तर्क दिया कि वे लगातार तीन बार से विधायक हैं। पहले भी मंत्री बने थे। अब उनसे जूनियर विधायक, जो दो बार ही जीते हैं उनको तो केबिनेट मंत्री बनाया जा रहा है, मुझे राज्य मंत्री बनाकर क्या संदेश देना चाहते हैं? इसके बाद माकन व सचिन पायलट ने ओला की पीड़ा दिल्ली आलाकमान को बताई। इसके बाद बीच का रास्ता निकाला गया। तय किया गया ओला को पहले की तुलना में ज्यादा दमदार विभाग दिया जाएगा। उस विभाग का स्वतंत्र प्रभार दिया जाएगा। इसके बाद ओला माने। उनको यातायात, परिवहन और रोड सेफ्टी विभाग का स्वतंत्र प्रभार का मंत्री बनाया गया।
ओला पहले भी राज्य मंत्री थे। तब उनके पास सैनिक कल्याण, आपदा प्रबंधन एवं सहायता, इंदिरागांधी नहर परियोजना व सिंचित क्षेत्र विकास विभाग विभाग थे। अब उनको यातायात, परिवहन और रोड सेफ्टी विभाग का मंत्री बनाया गया। साथ ही स्वतंत्र प्रभार दिया गया है। ऐसे में ओला अब पहले से ज्यादा मजबूत हुए हैं।