नवरात्र प्रारंभ- 7 अक्टूबर
महाष्टमी 13 अक्टूबर
नवरात्र नवमी 14 अक्टूबर
विजय दशमी- 15 अक्टूबर
एक साल में 4 बार आते हैं नवरात्र
देवी पुराण के अनुसार, नौ शक्तियों के मिलन को “नवरात्र” कहा जाता है। जो एक साल में चैत्र, आषाढ़, आश्विन और माघ के महीनों में 4 बार आते हैं। वसंत ऋतु में होने वाले को चैत्र या वासंती नवरात्र कहा जाता है जबकि शरद ऋतु व आश्विन मास में आने वाले नवरात्र को शारदीय कहा जाता है। बाकी दो यानि गुप्त नवरात्र माघ और आषाढ़ में आते है, जिस दौरान मां दुर्गा की 10 महाविघाओं की साधना होती है।
नवरात्र में घटस्थापना/कलशस्थापना का मुहूर्त इसबार सिर्फ अभिजीत मुहूर्त ही रहेगा। अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11:52 से 12:38 तक हैं । इस बीच घट स्थापना कर देवी की पूजा अर्चना ज्योत,कलश स्थापना करनी चाहिए ।
क्यों करते हैं कलश स्थापना?
मान्यता है कि कलश स्थापना से मां अन्नपूर्णा प्रसन्न होती है और घर को खुशियों, धन-धान्य व सुख-समृद्धि से भर देती है। धर्मशास्त्रों के अनुसार, कलश सुख-समृद्धि, वैभव और मंगल कामनाओं का प्रतीक होता है।