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इस बार आठ दिन के होंगे नवरात्र, डोली पर आएंगी मातारानी

locationझुंझुनूPublished: Sep 23, 2021 10:43:25 pm

Submitted by:

Rajesh

नवरात्र पर जिले के मनसा माता व जमवाय माता व उदयपुरवाटी के पास शाकम्भरी में विशेष पूजा अर्चना की जाएगी। कोरोना गाइड लाइन के चलते मेले नहीं भरेंगे। देवी मंदिरों व घरों में घट स्थापना की जाएगी।

इस बार आठ दिन के होंगे नवरात्र, डोली पर आएंगी मातारानी

इस बार आठ दिन के होंगे नवरात्र, डोली पर आएंगी मातारानी

#navrati 2021

झुंझुनूं. नवरात्र इसबार गुरुवार सात अक्टूबर से शुरू होंगे। माता रानी इस बार डोली पर बैठकर आएंगी। डोली पर बैठ कर आना प्रकृति के लिए अच्छा नहीं माना जाता है।
पंडित दिनेश मिश्रा ने बताया कि अंचल में देवी माता के नौ दिनों तक चलने वाला नवरात्र पर्व का विशेष महत्व रहता है। पंचांग के अनुसार, नौ दिनों का ये उत्सव 7 अक्टूबर गुरुवार से प्रारंभ होगा और 14 अक्टूबर तक चलेगा। इस बार नवरात्रों में चतुर्थी तिथि क्षय होने से नवरात्र 9 की बजाय 8 दिन के होंगे। नवरात्र पर जिले के मनसा माता व जमवाय माता व उदयपुरवाटी के पास शाकम्भरी में विशेष पूजा अर्चना की जाएगी। कोरोना गाइड लाइन के चलते मेले नहीं भरेंगे। लेकिन देवी मंदिरों व घरों में घट स्थापना की जाएगी।
#navrati 2021

इस साल कब पड़ रहे है नवरात्र
नवरात्र प्रारंभ- 7 अक्टूबर
महाष्टमी 13 अक्टूबर
नवरात्र नवमी 14 अक्टूबर
विजय दशमी- 15 अक्टूबर


एक साल में 4 बार आते हैं नवरात्र
देवी पुराण के अनुसार, नौ शक्तियों के मिलन को “नवरात्र” कहा जाता है। जो एक साल में चैत्र, आषाढ़, आश्विन और माघ के महीनों में 4 बार आते हैं। वसंत ऋतु में होने वाले को चैत्र या वासंती नवरात्र कहा जाता है जबकि शरद ऋतु व आश्विन मास में आने वाले नवरात्र को शारदीय कहा जाता है। बाकी दो यानि गुप्त नवरात्र माघ और आषाढ़ में आते है, जिस दौरान मां दुर्गा की 10 महाविघाओं की साधना होती है।
कलश स्थापना मुहूर्त
नवरात्र में घटस्थापना/कलशस्थापना का मुहूर्त इसबार सिर्फ अभिजीत मुहूर्त ही रहेगा। अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11:52 से 12:38 तक हैं । इस बीच घट स्थापना कर देवी की पूजा अर्चना ज्योत,कलश स्थापना करनी चाहिए ।

क्यों करते हैं कलश स्थापना?
मान्यता है कि कलश स्थापना से मां अन्नपूर्णा प्रसन्न होती है और घर को खुशियों, धन-धान्य व सुख-समृद्धि से भर देती है। धर्मशास्त्रों के अनुसार, कलश सुख-समृद्धि, वैभव और मंगल कामनाओं का प्रतीक होता है।
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