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कफन के हर शीरे पर मेरा हिंदुस्तान लिख देना…

locationझुंझुनूPublished: Apr 24, 2019 04:29:32 pm

Submitted by:

Mahaveer Tailor

कवि सम्मेलन व मुशायरे में देर रात तक जमा रंग

jhunjhunu

कफन के हर शीरे पर मेरा हिंदुस्तान लिख देना…

नवलगढ़. कस्बे के मोहल्ला व्यापारियान स्थित चौबदार हवेली में मंगलवार रात को कवि सम्मेलन व मुशायरे का आयोजन किया गया। इस मौके पर देश के कवि व शायरों ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को खूब हंसाया। इस दौरान अंजुम करौली ने ख्याल आ गया है उनका जब सोते-सोते कटी रात सारी मेरी रोते-रोते…शायरा शबाना शबनम ने मीरा गालिब की में हवेली हूं गीत गजलों में कि मैं सहेली हूं, इश्क उर्दू से है मुझे शबनम और हिंदी कि मैं सहेली हूं…जिया टोकवी ने मुझे उस की दुआओं में अशेर नही लगता, उसे ***** की खाने पर डर नहीं, कुछ इस तरह से हुवा है श्लोक सुतले की मुझे अपना घर भी घर नही लगता पेश किया। वहीं मुशायरे के संयोजक कवि अनिल जज्बाती ने खंजर ना तीर तलवार से डरते हैं हम भारतवासी हैं सिर्फ प्यार से डरते हैं, ओर वो डराएगा बहुत मगर डरने का नहीं, हम भारत माता के दीवाने हैं सिर्फ इज्जत से डरते हैं…कासिम बीकानेरी ने ये मेरा दिल है लिख देना यह मेरी जान लिख देना, कफन के हर शीरे पर मेरा हिंदुस्तान लिख देना… राज नवलगढ़ी ने हम भारत के वीर सपूत हैं हमे कोय आंखे नहीं दिखाएगा…मुकेश मारवाड़ी ने या तो गाड़ दूंगा तिरंगा…,नवाजिश खान ने यह लाल लाल चूडिय़ां… साजिद इकबाल ने अब कहां गांव में मीठा अमरुद मिलता है, अजीब दौर है दोस्तों बंद पनिय्यों में दूध मिलता है…श्रीकांत पारीक ने यह शब्द नहीं है कोई कंकर जो इनसे हर कोई खेलें पेश कर खूब वाहवाही लूटी। कवि रमाकांत सोनी ये देश है वीर जवानों का…सानी असलम ये देखो तजुर्बा… आदि रचनाएं पेश की। वहीं कवि हरीश हिंदुस्तानी ने हास्य रचनाओं से श्रोताओं को खूब गुदगुदाया। मौलाना सलीम, मास्टर राज चुरवी ने भी अपनी रचना पेश की। कार्यक्रम का संचालन कवि हरीश हिंदुस्तानी व जिया टोंकवी ने किया। मीरा एकता कमेटी के अध्यक्ष व संस्थापक अब्दुल जब्बार अजमेरी ने कवियों व शायरों का स्वागत किया।
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