झुंझुनूPublished: Jan 27, 2023 11:46:46 pm
मसूद आलम
ये कहानी है उस सरपंच की, जिसे उनके काम को देखते हुए लोगों ने प्यार से हॉकी वाली सरपंच का नाम दे दिया। उनका
मानना है कि सरपंच ही एक ऐसा पद है जो केंद्र सरकार व राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ सीधे जनता को पहुंचा सकता है और मैं किसी कार्य को सार्थक सिद्ध करने के अपने प्रयास पर लगातार बनी हुई हूं।
गांव की प्रतिभा को सही मंच तक पहुंचाने और उन्हें तराशने के लिए एक सरपंच जो कर रही है, वह अपने आप में अभूतपूर्व है। महिला होने के बाद भी इस सरपंच ने गांव में घर-घर पर जाकर बच्चों की काउंसलिंग की। फिर एक हॉकी टीम बनाई और स्वयं के वेतन से एक कोच भी रख लिया। दिन-प्रतिदिन इन सभी की ट्रेनिंग का विशेष ख्याल रखने के लिए सुबह जल्दी उठकर सभी को प्ले ग्राउंड में ले जाकर उन सभी को तैयारी करवाना इनके प्रतिदिन जीवन का हिस्सा बन गया। यह कहानी है कि राजस्थान के झुंझुनू जिले के बुहाना तहसली के लाम्बी अहीर पंचायत की। इस पंचायत की सरपंच हैं नीरू यादव। लेकिन नीरू का खेल और बच्चों के प्रति समर्पण भाव देखकर गांव की लड़कियों और अन्य लोगों ने इनको "हॉकी वाली सरपंच" का नाम दे दिया।