बजट में घोषणा की गई थी कि बेसहारा गोवंश से किसानों को निजात दिलाने के लिए नंदीशालाएं खोली जाएंगी। बजट के अनुसार जिले में 11 नंदीशालाएं तीन फेज में खोलनी थी। परंतु अभी तक एक भी नंदीशाला शुरू नहीं हो पाई है। वर्तमान में तीन नंदीशालाओं को खोलने के लिए एक करोड़ 57 लाख रुपए के बजट का आवंटन किया गया। प्रशासन के अधिकारी इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे।
-कुंभाराम लिफ्ट कैनाल के तहत उदयपुरवाटी व सूरजगढ़ उपखंड को मिलना था नहरी पानी
-बेसहारा गोवंश से निजात के लिए खुलनी थी 11 नंदीशाला
-बिजली छीजत रोकने के लिए लगाए जाने थे स्मार्ट मीटर
-ग्राम पंचायतों में बनने थे विकास पथ
-33केवी सब स्टेशनों के पास किसानों की अनुपयोगी भूमि पर सौर ऊर्जा के पांच सौ किलोवाट से दो मेगावाट तक के लगने थे ऊर्जा संयंत्र
-जिले में यूरिया व डीएपी भंडारण के लिए गोदाम बनाने की घोषणा की गई थी। जिसके तहत जिले के चार स्थानों पर गोदाम बनाए जाने थे। सीसीबी की एमडी सुमन चाहर ने बताया कि अगवाना खुर्द, चारावास, बुहाना, सेफरागुवार गोदाम 12-12 लाख रुपए की लागत से गोदाम बन चुके हैं।
-झुंझुनूं जिले के अंदर रेल लाइन के फाटकों पर आरयूबी बन चुके हैं। झुंझुनूं पुलिस लाइन के पास आरओबी का कार्य निर्माणाधीन है।
-कुसुम योजना के तहत किसानों के खेतों में ज्यादा से ज्यादा सोलर पंप लगाना
-किसानों को रात के स्थान पर दिन में दो ब्लॉकों में सिंचाई के लिए बिजली देना
-जनता क्लिनिक खोलने की घोषणा थी, ज्यादातर जगह चल रहे हैं।
-प्रत्येक पुलिस थाने में परिवादियों के लिए स्वागत कक्ष बनकर तैयार हो चुके हैं।
-जिला मुख्यालय स्थित हवाई पट्टी का अपग्रेडेशन के तहत चारदीवारी का निर्माण हो चुका है हुई पूरी