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प्रसव के दौरान मनचाहे रूपए नहीं मिलने से नाराज नर्सिंगकर्मियों ने इस तरह निकाला गुस्सा.. नवजात की हुई दर्दनाक मौत

locationझुंझुनूPublished: Feb 04, 2019 06:58:18 pm

Submitted by:

abdul bari

मामले की जानकारी कलक्टर रवि जैन को लगने पर गंभीरता से लेते हुए दोनों नर्सिंगकर्मियों को तत्काल निलम्बित करने के आदेश जारी कर पीएमओ को 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट करने के लिए कहा गया।

 नवजात की हुई दर्दनाक मौत

प्रसव के दौरान मनचाहे रूपए नहीं मिलने से नाराज नर्सिंगकर्मियों ने इस तरह निकाला गुस्सा.. नवजात की हुई दर्दनाक मौत

झुंझुनूं.
नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस, कायाकल्प में देश सहित प्रदेश में प्रथम रहने वाले जिले के सबसे बड़े राजकीय बीडीके अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं की कड़ी सच्चाई भी सामने आई है। यहां पर निशुल्क इलाज का भी शुल्क देना पड़ता है, नहीं देने पर इलाज के अभाव में मौत तक हो रही है।
सोमवार को अस्पताल के जनाना वार्ड में मामला सामने आया, जहां महिला नर्सिंगकर्मी चंद्रकला व सुलोचना ने प्रसव कराने के लिए परिजनों से एक हजार रुपए मांगे, परिजनों ने सात सौ रुपए दिए, तीन सौ रुपए कम देने के कारण नर्सिंगकर्मी ने नाराजगी जाहिर की। देर रात नवजात की तबीयत बिगडऩे पर मानवता की सारी हदें तोड़ते हुए संभालने के बजाए यह नर्सिंगकर्मी मोबाइल पर चैटिंग करती रही। परिजन के बार-बार गुहार करने पर गेट बंद कर लिया। सही समय पर इलाज नहीं मिलने पर मासूम दुनिया देखने से पहले चल बसा।
मौत के बाद सुबह परिजनों ने किसान नेता राजेन्द्र फौजी के नेतृत्व में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा खड़ा करते हुए शव लेने से इंकार कर दिया। मामले की जानकारी कलक्टर रवि जैन को लगने पर गंभीरता से लेते हुए दोनों नर्सिंगकर्मियों को तत्काल निलम्बित करने के आदेश जारी कर पीएमओ को 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट करने के लिए कहा गया। बाद में मेडिकल बोर्ड से नवजात का पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों को सौंप दिया।
हालांकि नवजात की मां को अब तक ये पता नहीं है कि उसके चिराग की मौत हो चुकी है। परिजनों के मुताबिक हमीरी कला निवासी गर्भवती रोशनी नायक (19) को परिजन दो फरवरी को राजकीय बीडीके अस्पताल में लेकर पहुंचे। इलाज कर रही चिकित्सक डॉ. सुजाता ने लेबर पेन शुरू होने पर लाने की सलाह दी। अगले दिन प्रसव वेदना शुरू होने पर परिजनों ने उसे बीडीके अस्पताल स्थित जनाना वार्ड में भर्ती करवा दिया। रात को दर्द बढऩे पर परिजन नर्सिंगकर्मी चंद्रकला व सुलोचना के पास पहुंचे तो देखने से इंकार कर दिया। वेदना लगातार असहनीय होने पर परिजन वापस दोनों के पास पहुंचे प्रसव कराने की ऐवज में एक हजार रुपए की मांग की।
रुपए मिलते ही कराया प्रसव

परिजनों ने बताया कि जेब में सात सौ रुपए होने की बात कहते हुए उन्हें दे दिए, नर्सिंगकर्मियों ने तीन सौ रुपए का उलाहना देते हुए रात करीब 11.50 पर प्रसव करवा दिया, सामान्य प्रसव से विवाहिता ने पुत्र को जन्म दिया। पुत्र जन्म पर परिजनों में खुशी का माहौल था, लेकिन ये खुशी ज्यादा देर तक नहीं रह पाई। प्रसव होने के करीब दस मिनट बाद नवजात की तबीयत बिगड़ गई।इस पर परिजन दौड़कर नर्सिंगकर्मियों के पास पहुंचकर संभालने की गुहार लगाई। लेकिन संभालने के बजाए दोनों मोबाइल में चैटिंग करती रही। कुछ देर बाद बच्चे ने हलचल करना बंद कर दिया। इस पर परेशान वापस दौड़कर पहुंचे तो झिटकते हुए कमरा बंद कर सो गईं। लोगों के मुताबिक इससे पहले वार्ड में एक बुजुर्ग महिला भी अपने पुत्रवधु को संभालने के लिए कहने गई तो उसे भी डांटकर भगा दिया।
चार बजे उठी, सांसे रूकने पर एनआइसीयू भेजा
दोनों नर्सिंगकर्मी करीब चार बजे उठीं परिजनों के काफी विनती करने पर पहुंची जांच करने पर नवजात की सांसे थमने पर टरकाने के लिए एनआइसीयू में भर्ती करवाने के लिए कहा गया। परिजन एनआइसीयू पहुंचे तो चिकित्सकों ने सांसे नहीं चलने की बात कहते हुए आपातकालीन इकाई में दिखाने के लिए कहा। आपातकालीन इकाई में पहुंचने पर चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। इधर, हंगामा बढ़ता देखकर दोनों नर्सिंगकर्मी सात सौ में से छह सौ रुपए परिजनों को चुपचाप पकड़ाकर चली गईं। खर्च के लिए सौ रुपए फिर भी रख लिए।

परिजनों को दिया झूठा दिलासा
मामला बिगडऩे पर नर्सिंकर्मियों ने परिजनों को सांसे चलने का झूठा दिलासा देते हुए शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. वीडी बाजिया के पास जांच करवाने के लिए कहा। परिजनों के चिकित्सक के पास पहुंचने पर नवजात की काफी देर पहले ही मौत होने की जानकारी दी।
कलक्टर ने एसडीएम को जांच के लिए भेजा मामले के बारे में पता चलने पर कलक्टर जैन ने एसडीएम अलका विश्नोई को जांच करने के लिए भेजा। सूचना पर प्रोबेशनल आरपीएस विजेता जाखड़, कोतवाल गोपाल सिंह ढाका आदि अस्पताल पहुंचे। एसडीएम विश्नोई ने परिजनों से पूछताछ के बाद में रिपोर्ट कलक्टर को सौंपी। किसान नेता राजेन्द्र फौजी ने कलक्टर को पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया।
एक साल पहले हुई शादी
परिजन प्रदीप ने बताया कि पीडि़ता का विवाह करीब एक साल पहले हमीरी कला निवासी संजय नायक के साथ हुआ था। पति फिलहाल विदेश में कमाने के लिए गया हुआ है। घर में नए मेहमान आने को लेकर खुशी का माहौल था, लेकिन नवजात की मौत के बाद परिजन सदमे में हैं।
काफी सालों से अस्पताल में कार्यरत
जानकारी के मुताबिक सुलोचना पुरा की ढाणी व चंद्रकला बसंत विहार की रहने वाली हैं। राजकीय बीडीके अस्पताल में एएनएम के तौर पर लगी थी, बाद में ट्रेनिग के बाद दोनों जीएनएम के तौर पर कार्यरत हैं।
इनका कहना है…
नवजात की मौत के मामले में कलक्टर के आदेश मिलने पर जनाना वार्ड में कार्यरत दोनों महिला नर्सिंगकर्मियों को निलम्बित कर दिया गया है।
डॉ. शीशराम गोठवाल, पीएमओ राजकीय बीडीके अस्पताल झुंझुनूं

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