निदेशालय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य परिवार कल्याण की ओर से सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, अस्पताल अधीक्षकों, मेडिकल कॉलेजों, प्रमुख चिकित्सा अधिकारियों समेत सभी जिला, उप जिला, सेटेलाइट समेत सभी अस्पतालों के जिम्मेदारों को आदेश जारी कर दिए गए हैं।
राजकीय चिकित्सा संस्थानों पर संपन्न हो रहे संस्थागत प्रसव के बाद डिस्चार्ज के समय प्रसूताओं को शिशुओं का जन्म प्रमाण पत्र पीसीटीएस पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण कर उपलब्ध कराया जाएगा। उक्त पोर्टल पर प्रावधान किया गया है कि जिन प्रसुताओं का प्रसव राजकीय चिकित्सा संस्थानों में हो रहा है। उन प्रसुताओं को अस्पताल से डिस्चार्ज के समय ही जन्में बच्चों का पोट्रल के माध्यम से पंजीकरण कर जन्म प्रमाण पत्र उपलब्ध करा दें। क्योंकि जन्म पंजीकरण की समीक्षा में सामने आया है कि अभी तक अधिकांश संस्थाओं की ओर से प्रस्तुताओं को डिस्चार्ज करते समय अस्पताल में जन्में बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। जिससे इन दंपत्तियों को जन्म प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, नगर पालिका, नगर परिषद व नगर निगम आदि के कार्योलयों के चक्कर लगाकर अनावश्यक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र के लिए नगर परिषद व जिले की अन्य नगरपालिकाओं में भीड़ लगी रहती है। अभिभावकों को तो लंबे समय तक चक्कर लगाने पड़ते हैं। इसी तरह ग्राम पंचायतों में सरपंचों के यहां पर चक्कर लगाने पड़ते हैं। रोजाना हजारों की संख्या में जन्म प्रमाण पत्र बनाए जाते हैं।
इनका कहना है… डिस्चार्ज के समय प्रसूताओं को शिशुओं का जन्म प्रमाण पत्र पीसीटीएस पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण कर उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए आदेश मिल चुके हैं और यह प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
डा. वीडी बाजिया, पीएमओ एवं वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ, बीडीके अस्पताल (झुंझुनूं)