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एनएसजी का कमांडो झुंझुनूं में करवा रहा फौज की तैयारी

locationझुंझुनूPublished: Jul 07, 2020 02:29:25 pm

Submitted by:

Rajesh

झुंझुनूं जिले के अलसीसर गांव का संदीप सिंह शेखावत दिल्ली एनएसजी में कमाडो है। वह अपने गांव के युवाओं को सेना में भर्ती कराने केलिए पिछले तीन माह से तैयारी करवा रहा है। पहले छोटे स्तर पर तैयारी करवाता था। अब उस पर प्रशिक्षण का ऐसा जुनून सवार हुआ कि उसने तीन माह पहले अपने खेत को ही ट्रेनिंग सेंटर बना दिया।

एनएसजी का कमांडो झुंझुनूं में करवा रहा फौज की तैयारी

एनएसजी का कमांडो झुंझुनूं में करवा रहा फौज की तैयारी

किशोरी लाल

अलसीसर. देश के महत्वपूर्ण व्यक्तियों की सुरक्षा और आतंकियों का सफाया करने वाले नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) का एक कमांडो अपने गांव के युवाओं को फौज की तैयारी निशुल्क करवा रहा है।
झुंझुनूं जिले के अलसीसर गांव का संदीप सिंह शेखावत दिल्ली एनएसजी में कमाडो है।
#sandeep shekhawat jhunjhunu

वह अपने गांव के युवाओं को सेना में भर्ती कराने केलिए पिछले तीन माह से तैयारी करवा रहा है। पहले छोटे स्तर पर तैयारी करवाता था। अब उस पर प्रशिक्षण का ऐसा जुनून सवार हुआ कि उसने तीन माह पहले अपने खेत को ही ट्रेनिंग सेंटर बना दिया। खुद के खर्चे पर वहां ट्रेनिंग के लिए अनेक प्रकार के उपकरण भी लगवा दिए।
कमांडो जब भी छुटटी पर आता है, तो सुबह चार बजे पूरी तैयारी के साथ मैदान में पहुंच जाता है। चाहे-सर्दी हो, गर्मी या बरसात, उसका रूटीन बदलता नहीं है।
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पहले केवल अलसीसर के युवा ही उसके पास प्रशिक्षण लेने आते थे। अब दूर के गांवों के युवा भी प्रशिक्षण लेने आने लगे हैं। जब संदीप ड्यूटी पर चला जाता है, तब युुवा खुद ही यहां नियमित प्रशिक्षण लेते रहते हैं। ब्लैक केट कमांडो संदीप ने बताया कि जिन समस्याओं का सामना उसे करना पड़ा, वैसी समस्या का सामना गांव के युवा व युवतियों को नहीं करनी पड़े। इसके लिए प्रशिक्षण दे रहा है। अभी यहां 30 युवक व युवतियां तैयारी कर रहे हैं। उसने बताया कि असलीसर व उसके आस-पास के गांव के युवाओं से कभी भी शुल्क नहीं लेगा।
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क्या है एनएसजी
एनएसजी कमांडो हमेशा काले कपड़े, काले नकाब और काले ही सामान का इस्तेमाल करते हैं इसलिए इन्हें ब्लैक कैट कमांडो कहा जाता है। वर्ष 1984 में एनएसजी का गठन किया गया था। अति-विशिष्ट लोगों की सुरक्षा के अलावा विकट आतंकी हमलों से बचाव का जिम्मा भी एनएसजी पर ही होता है। 26/11 के मुंबई हमलों में भी ब्लैक कैट कमांडो ने स्थिति को नियंत्रित किया था।
बजावा गांव का फौजी भी दे रहा प्रशिक्षण

गोपीकिशन सोनी


झुंझुनूं जिले के बजावा गांव में सेना से रिटायर्ड सूबेदार प्रताप सिंह मूंड अपने गांव व आस-पास की ढाणियों के युवाओं को सेना में भर्ती का निशुल्क प्रशिक्षण दे रहा है। वह गांव के जोहड़ में पिछले छह माह से युवाओं को सेना में भर्ती होने व वॉलीबाल का निशुल्कप्रशिक्षण दे रहा है।
सूबेदार मूंड सैनिक होने के साथ साथ वॉलीबाल के नेशनल खिलाड़ी भी रह चुके। वे सेना में रहते समय 6 बार नेशनल व कई अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में पदक जीत चुके हंै। उनका कहना है कि गरीब तबके के अनेक युवा खेल में आगे बढऩा चाहते हैं तथा कुछ सेना में भर्ती होना चाहते हैं, लेकिन निजी एकेडमी में फीस अधिक होने के कारण वे तैयारी नहीं कर पाते। ऐसे ही युवाओं के लिए ही उन्होंने ये प्रशिक्षण देने का कार्य शुरू किया है। उसने अपने खुद के खर्चे पर खेल मैदान बनाया है। वर्तमान में 60 युवा प्रशिक्षण ले रहे हैं।
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