कमांडो जब भी छुटटी पर आता है, तो सुबह चार बजे पूरी तैयारी के साथ मैदान में पहुंच जाता है। चाहे-सर्दी हो, गर्मी या बरसात, उसका रूटीन बदलता नहीं है।
क्या है एनएसजी
एनएसजी कमांडो हमेशा काले कपड़े, काले नकाब और काले ही सामान का इस्तेमाल करते हैं इसलिए इन्हें ब्लैक कैट कमांडो कहा जाता है। वर्ष 1984 में एनएसजी का गठन किया गया था। अति-विशिष्ट लोगों की सुरक्षा के अलावा विकट आतंकी हमलों से बचाव का जिम्मा भी एनएसजी पर ही होता है। 26/11 के मुंबई हमलों में भी ब्लैक कैट कमांडो ने स्थिति को नियंत्रित किया था।
झुंझुनूं जिले के बजावा गांव में सेना से रिटायर्ड सूबेदार प्रताप सिंह मूंड अपने गांव व आस-पास की ढाणियों के युवाओं को सेना में भर्ती का निशुल्क प्रशिक्षण दे रहा है। वह गांव के जोहड़ में पिछले छह माह से युवाओं को सेना में भर्ती होने व वॉलीबाल का निशुल्कप्रशिक्षण दे रहा है।
सूबेदार मूंड सैनिक होने के साथ साथ वॉलीबाल के नेशनल खिलाड़ी भी रह चुके। वे सेना में रहते समय 6 बार नेशनल व कई अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में पदक जीत चुके हंै। उनका कहना है कि गरीब तबके के अनेक युवा खेल में आगे बढऩा चाहते हैं तथा कुछ सेना में भर्ती होना चाहते हैं, लेकिन निजी एकेडमी में फीस अधिक होने के कारण वे तैयारी नहीं कर पाते। ऐसे ही युवाओं के लिए ही उन्होंने ये प्रशिक्षण देने का कार्य शुरू किया है। उसने अपने खुद के खर्चे पर खेल मैदान बनाया है। वर्तमान में 60 युवा प्रशिक्षण ले रहे हैं।