करीब 17 छात्राओं की हालत गंभीर देखते हुए भर्ती किया गया। दस के स्वास्थ्य मे ́ सुधार होने पर छुट्टी दे दी गई व शेष सात का इलाज जारी है। जानकारी के मुताबिक गांव नूआ ́ स्थित सरकारी स्कूल मे ́ एनएसएस शिविर चल रहा है। छात्राएं दोपहर को अस्पताल से कुछ दूर स्थित एक गेस्ट हाड्डस मे ́ श्रमदान करने के लिए पहु ́ची थी। इस दौरान एक छात्राओं ने पिस्ता समझकर रतनजोत का बीज खा लिया। स्वादिष्ट लगने पर उसने दूसरी छात्राओं को भी इसके बारे में ́बताया। ऐसे में ́करीब दो दर्जन छात्राओं ने ने कई बीज खा लिए।
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उनके साथ मौजूद एनएसएस प्रभारी महेन्द्र सिंह को बताने उन्होंने भी कुछ बीज खा लिए। कुछ देर बाद मे ́ सभी छात्राओं को जी मिचलाने, उल्टी व सिरदर्द की शिकायत होने लगी। बाद मे ́ छात्राओं को इलाज के लिए नूआ ́ के सरकारी अस्पताल मे ́ लाया गया। जहा ́ प्राथमिक उपचार के बाद उन्हे ́ झुंझुनू ́के राजकीय BDK hospital मे ́ रैफर कर दिया। सूचना लगने पर कार्यवाहक पीएमओ (PMO) शुभकरण कालेर के निर्देशानुसारडॉ. वीडी बाजिया, डॉ. कैलाश राहड, डॉ. नेमीचंद कुमावत व टीम ने इलाज शुरू किया।
अस्पताल में चिकित्सक नहीं ́मिलने की शिकायत
पूर्व सैनिक श्याम सिंह का आरोप है कि छात्राओं को अस्पताल लेकर पहुंचे तो वहां पर केवल दो नर्सिंगकर्मी मौजूद थे। उन्होनें बताया कि एबुलेंस भी समय पर नहीं पहुंची, ऐसे में ́निजी वाहनो ́के जरिए शिक्षक सहित छात्राओं को बीडीके अस्पताल लाया गया।
पूर्व सैनिक श्याम सिंह का आरोप है कि छात्राओं को अस्पताल लेकर पहुंचे तो वहां पर केवल दो नर्सिंगकर्मी मौजूद थे। उन्होनें बताया कि एबुलेंस भी समय पर नहीं पहुंची, ऐसे में ́निजी वाहनो ́के जरिए शिक्षक सहित छात्राओं को बीडीके अस्पताल लाया गया।
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