झुंझुनू

ऑर्गेनिक बाबा, कमाई अफसर से ज्यादा

देलसर खुर्द गांव के किसान धर्मवीर खींचड़ डेयरी फार्म, ऑर्गेनिक खेती, बागवानी व मुर्गी पालन से वह हर माह औसत एक लाख रुपए से ज्यादा की बचत कर रहा है। स्थानीय लोग उसे अब ऑर्गेनिक बाबा के नाम से पुकारने लगे हैं।

झुंझुनूOct 28, 2021 / 02:02 pm

Rajesh

ऑर्गेनिक बाबा, कमाई अफसर से ज्यादा


पत्रिका एक्सक्लूसिव
राजेश शर्मा
झुंझुनूं. अगर आप खेती करके अफसर से ज्यादा रुपए कमाना चाहते हैं तो राजस्थान के झुंझुनूं जिले के नवलगढ़ क्षेत्र के देलसर खुर्द गांव चले आइए। सातवीं तक पढ़े देलसर खुर्द गांव के किसान धर्मवीर खींचड़ अन्य किसानों व युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गए हंै। वह अपनी मेहनत से हर माह सरकारी अफसर से ज्यादा की बचत कर रहा है। डेयरी फार्म, ऑर्गेनिक खेती, बागवानी व मुर्गी पालन से वह हर माह औसत एक लाख रुपए से ज्यादा की बचत कर रहा है। स्थानीय लोग उसे अब ऑर्गेनिक बाबा के नाम से पुकारने लगे हैं।
#organic baba
खींचड़ ने बताया कि पहले वे गांव में रहते थे। अब खेत पर घर बना लिया। उसके पास कुल चालीस कच्ची बीघा जमीन है। पांच बीघा में मौसमी के चार सौ पेड़ लगा रखे हैं। मौसमी से हर साल करीब पांच लाख रुपए की बचत हो जाती है। चार सौ झाडिय़ां बेर की लगा रखी हैं। बेर की झांडिय़ों की पौध जोधपुर स्थित काजरी से लेकर आया था। उसके पास करीब बीस गाय हैं। इनमें से दस देसी व दस विदेशी गायें है। विदेशी नस्ल की गायों का दूध बेचते हैं। जबकि देसी गाय का घी बेचते हैं। देसी गाय का घी करीब पंद्रह सौ रुपए प्रति किलो की दर से उसके घर से डॉक्टर व अन्य व्यवसायी लेकर जाते हैं। गाय के दूध, घी व बछडिय़ों के बेचने से करीब तीन लाख रुपए की आय हो जाती है। इसके अलावा वह अपने खेतों में काले गेहूं की खेती कर रहे हैं। खींचड़ ने बताया कि काले गेहूं करीब आठ हजार रुपए प्रति क्विंटल के भाव से बिक रहे हैं। उसके लिए भी लोग अग्रिम बुकिंग करवा रहे हैं। वे देसी मुर्गियां भी रख रहे हैं। इसके दो फायदे हैं। मुर्गियां गाय व भैंस के लगने वाले छोटे कीटों को खा जाती है, इससे गाय-भैंस बीमार नहीं होती। कीट मारने की दवा नहीं लगानी पड़ती। दूसरा फायदा यह है कि देसी मुर्गी के अंडे अन्य मुर्गियों की तुलना में ज्यादा महंगे बिकते हैं। किसान ने बताया कि उसने एक माह का प्रशिक्षण कृषि विज्ञान केन्द्र पर लिया था। उसके बाद आय बढ़ती ही गई। किसान ने मोटर,ट्यूबवैल, लाइट व पंखे चलाने के लिए खेत में सौलर प्लांट लगा रखा है। इस कारण बिजली का बिल नहीं आता। खाद भी खेत पर तैयार करता है।
#oragnic baba dharmveer khinchar

पति-पत्नी दोनों हो चुके सम्मानित
59 वर्ष के धर्मवीर को कृषि विभाग वर्ष 2012-13 में सम्मानित कर चुका। वर्ष 2020 में धर्मवीर की पत्नी केसरी देवी को सम्मानित किया गया था। धर्मवीर ने बताया कि खेती में असली मेहनत मेरी पत्नी की रहती है। खेती पहले भी उत्तम थी। अब भी उत्तम है। समय के साथ आधुनिक तकनीक अपनानी पड़ेगी। हवाई बाते बनाने की बजाय खुद को खेतों में मेहनत करनी पड़ेगी। हर साल लाखों युवा बेरोजगार हो रहे हैं। वे प्राइवेट छोटी नौकरी करने की बजाय नौकरी देेने की सोच रखें तो भारत में बेरोजगारी कम होने लगेगी। खेती आधुनिक तरीके से की जाए तो घाटे का सौदा नहीं है।
#oragnic baba

कभी मंडी नहीं जाते

खास बात यह है खींचड़ मौसमी सहित किसी उत्पाद को बेचने के लिए मंडी नहीं जाते। ऑर्गेनिक होने के कारण व्यापारी व ग्राहक खुद उनके पास जाते हैं। इसके अलावा केंचुआ खाद व बायो डी कम्पोजर की बिक्री से भी अच्छी कमाई हो जाती है। सरसों का तेल निकालने व दाल बनाने के लिए दो अलग से मशीन लगा रखी है। सरसों बेचने की बजाय तेल निकालकर बेचने से ज्यादा आय हो रही है। चने व मूंग की बजाय उनकी दालों की बिक्री कर रहे हैं। पूरे देश में भले ही रसोई गैस का सिलेंडर नौ सौ रुपए से ज्यादा का मिल रहा है, लेकिन इससे किसान परिवार को चिंता नहीं है। उसने गोबर गैस का प्लांट लगा रखा है। इससे बनने वाली गैस सीधी रसोई में जाती है

एक्सपर्ट व्यू

किसान धर्मवीर को केवीके पर आर्गेनिक खेती का प्रशिक्षण दिया गया था। समय-समय पर सरकारी योजनाओं की जानकारी देते रहते हैं। योजनाओं का फायदा भी ले रहे हैं। पति-पत्नी दोनों को कृषि विभाग सम्मानित कर चुका। मैं खुद उनके खेत पर जाकर आया हूं। वे आधुनिक तरीके व बाजार की मांग को देखकर खेती कर
रहे हैं।
-डॉ दयानंद,कृषि वैज्ञानिक केवीके आबूसर
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.