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सरकारी धन के लिए चिड़ावा में भी युवा बन गए बुजुर्ग

locationझुंझुनूPublished: Feb 13, 2020 12:40:43 pm

Submitted by:

Rajesh

पंचायत समिति के अधिकारियों ने अपने निजी हित पूरे होते ही युवकों की भी वृद्धावस्था पेंशन शुरू कर दी। जिम्मेदारों पर कार्रवाई का डर नहीं होने के कारण पेंशन घोटाला जिले में फलफूल रहा है। मलसीसर के बाद अब चिड़ावा में भी गड़बड़ी सामने आई है। किठाना ग्राम पंचायत के 90 से ज्यादा लोग अपात्र होने के बावजूद साढ़े छह साल से पेंशन लेते रहे। मगर विभाग को पेंशनधारकों की अपात्रता नजर नहीं आई।

सरकारी धन के लिए चिड़ावा में भी युवा बन गए बुजुर्ग

सरकारी धन के लिए चिड़ावा में भी युवा बन गए बुजुर्ग


सुरेन्द्र डैलाञ्च चिड़ावा(झुंझुनूं).पंचायत समिति के अधिकारियों ने अपने निजी हित पूरे होते ही युवकों की भी वृद्धावस्था पेंशन शुरू कर दी। जिम्मेदारों पर कार्रवाई का डर नहीं होने के कारण पेंशन घोटाला जिले में फलफूल रहा है। मलसीसर के बाद अब चिड़ावा में भी गड़बड़ी सामने आई है। किठाना ग्राम पंचायत के 90 से ज्यादा लोग अपात्र होने के बावजूद साढ़े छह साल से पेंशन लेते रहे। मगर विभाग को पेंशनधारकों की अपात्रता नजर नहीं आई। पोर्टल व कलक्टर के पास शिकायत पहुंची तो विभाग की नींद टूटी। पंचायत के प्रत्येक पेंशनधारक की जांच की। जिसमें चौंकाने वाली हकीकत सामने आई। विभाग की जांच में सामने आया कि पंचायत के 96 अपात्र लोग पेंशन उठाते रहे। ऐसा करीब साढ़े छह साल से हो रहा था। अपात्र पेंशनधारकों ने 38 लाख 70 हजार रुपए बतौर पेंशन हासिल कर लिए। लाखों का पेंशन फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद विभाग ने नोटिस जारी कर अपात्र लोगों से वसूली शुरू कर दी है। एक जने ने वसूली की राशि जमा भी करवा दी। जल्द ही अन्य अपात्र लोगों से वसूली की जाएगी। हालांकि विभाग ने अपात्र लोगों से पात्रता के लिए उम्र के दस्तावेज दिखाने की बात भी कही है।
पेंशन के लिए यूं किया फर्जीवाड़ा-
शिकायत पर विभाग ने जांच की। जिसमें सामने आया है कि पेंशन ले रहे अपात्र लोगों ने अलग-अलग तरीके से फर्जीवाड़ा किया। अधिकतर अपात्र पेंशनधारक 2013 से पेंशन ले रहे हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार पेंशन के लिए अपात्र लोगों ने कम उम्र को ज्यादा दर्ज करवा लिया। जिसके लिए मतदाता पहचान पत्र में ज्यादा उम्र दर्ज करवा दी। जिसके बाद उसी से आधार कार्ड, भामाशाह, पेन कार्ड व अन्य दस्तावेज भी जारी करवा लिए। जिसके आधार पर पेंशन लेते रहे।
50 साल से कम वाले भी ले रहे पेंशन-
जांच में चौंकाने वाली हकीकत सामने आई। सूत्रों के अनुसार बहुत से पेंशनधारक तो ऐसे हैं, जिनकी उम्र ही 50 साल से कम है। मगर फिर भी पांच-छह साल से पेंशन उठा रहे थे। विभाग ने आयु के लिए जन्म से जुड़े दस्तावेज मांगे तो अधिकतर ने अशिक्षित होने की बात कही। वहीं ऑनलाइन दस्तावेजों में उक्त लोगों ने शैक्षिक योग्यता 10 वीं, 12 वीं तक दर्ज करवा रखी है।
गांवों में लगे थे पेंशन शिविर-
तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 2013 में पेंशन योजना शुरू की। शुरू में पेंशनधारक को पांच सौ रुपए प्रतिमाह दी जाती थी। पेंशन के लिए गांव-ढाणियों में शिविर लगाए थे। अधिकारियों ने निजी स्वार्थ की पूर्ति होते ही पेंशन शुरू कर दी। दस्तावेजों में उम्र ज्यादा दिखाकर पेंशन शुरू करवा दी। विभाग भी दस्तावेजों को आधार मानकर पेंशन देता रहा। फर्जीवाड़े की शिकायत मिली तो हकीकत सामने आई।
इनका कहना है-
किठाना में प्रत्येक पेंशनधारक की जांच की। जिसमें 96 लोग पेंशन के लिए अपात्र मिले। जिनको नोटिस जारी कर पेंशन की राशि वापस जमा करवाने के निर्देश दिए है-दारासिंह, विकास अधिकारी, चिड़ावा
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