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झुंझुनू

आप भी जानें प्री-बजट परिचर्चा में क्या बोली झुंझुनूं की जनता

इस बार बजट में जो घोषणाएं हो तो अगला बजट आने से पहले वे काम पूरे होने चाहिए

झुंझुनूJan 18, 2020 / 01:22 pm

Jitendra

आप भी जानें प्री-बजट परिचर्चा में क्या बोली झुंझुनूं की जनता

आप भी जानें प्री-बजट परिचर्चा में क्या बोली झुंझुनूं की जनता

झुंझुनूं. प्रदेश में जल्द ही कांग्रेस सरकार की ओर से बजट पेश किया जाएगा। जिसमें हर वर्ग को काफी उम्मीदें हैं कि बजट में उनके लिए कुछ फायदें होंगे। परंतु सरकार की ओर से पेश किए गए पहले बजट में घोषणाएं तो काफी हुई और कई मदों में पैसा भी आया। लेकिन खर्च ही नहीं हुआ और यदि हुआ तो हालात आज भी वैसे के वैसे ही बने हुए हैं। ऐसे में बुजुर्गों, युवाओं, किसानों, व्यापारियों समेत सभी वर्गों का कहना है कि इस बार बजट में जो घोषणाएं हो तो अगला बजट आने से पहले वे काम पूरे होने चाहिए। जिले में पहले बजट की घोषणाएं भी पूरी नहीं हुई।
किसान हो रहे बर्बाद
जिले में आवारा पशुओं की समस्या सबसे बड़ा मुददा है। दिन-रात मेहनत और रखवाली के बावजूद किसानों की फसलें आवारा पशु बर्बाद कर रहे हैं। किसानों की फसलें बर्बाद करने के साथ-साथ सड़कों पर घूम रहे इन पशुओं के कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं। पिछले बजट में पंचायत समिति स्तर पर नंदीशालाओं की घोषणा तो कर दी गई। परंतु उनके अभी तक बजट नहीं दिया गया है और ना ही इनके निर्माण के लिए अभी तक स्थानों का चिह्निकरण हुआ है। किसान वर्ग के लिए सरकार को सबसे ज्यादा मंथन करने की जरूरत है।
शुभकरण लांबा
रोजगारपरक शिक्षा के लिए मिले बजट
जिला शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी है। पिछले बजट में सरकार ने शिक्षा सुधार के लिए काफी बजट दिया। परंतु कुछेक विद्यालयों को क्रमोन्नत कर इतिश्री कर ली गई। दोरासर में खेल विश्वविद्यालय को बदलकर क्रीड़ा संस्थान कर दिया गया और बजट में उसके लिए भी पैसा नहीं दिया गया। यह जिले की जनता के साथ खिलवाड़ किया गया है। इस बजट में सरकार को क्रीड़ा सस्थान के लिए बजट दिया जाना चाहिए।
चंद्रप्रकाश शास्त्री, शिक्षाविद

सरकार नई भर्तियां निकाले
सरकार युवाओं को रोजगार मुहैया कराने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रही। जब भी भर्तियां निकलती हैं तो कोई ना कोई अड़ंगा लग जाता है। जिसके चलते पढ़े-लिखे नौजवान आज भटक रहे और गलत राह चुन रहे हैं। ऐसे में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर मुहैया कराने के प्रावधानों की बजट में घोषणा की जानी चाहिए।
धर्मेन्द्र जाखड़


काटली नदी को पुर्नजीवित करने के प्रयास हों
झुंझुनूं जिला डार्क जोन घोषित है। यहां सिंचाई और पेयजल की बड़ी समस्या है। कुंभारंभ लिफ्ट कैनाल के तहत अभी तक कुछ ही गांव-ढाणियों में पानी पहुंचा है। सरकार को शेखावाटी की लाइफलाइन काटली नदी को पुर्नजीवित करने के लिए बजट में घोषणा की जानी चाहिए। ताकि पानी का स्तर बढ़े और किसानों के लिए सिंचाई का एक माध्यम तैयार हो सके।
ओमप्रकाश लांबा

इन्होंने ये रखे मुददे
रवींद्र भास्कर, प्रमोद पूनियां, संदीप यादव, मनोज चौधरी, राकेश, योगेंद्र, शैलेस, आशीष सैन समेत बड़ी संख्या में लोगों ने झुंझनूं के विकास के मुददे रखे। इन्होंने जिले के शहर व कस्बों के हालात बहुत खराब हैं। सफाई व्यवस्था बिल्कुल चौपट हैं। नाले-नालियां गंदगी से अटे पड़े हैं। सार्वजनिक स्थानों पर कचरे के ढेर लगे हैं, जिनमें पशु मुंह मार रहे हैं। इस पर संबंधित नगरपालिकाओं मे काफी बजट आ रहा है फिर भी सफाई व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। आने वाले बजट में सरकार को जिले के सभी शहर व कस्बों में सीवरेज व ड्रैनेज के कार्य के लिए बजट दिया जाना चाहिए। वहीं, बेरोजगार युवाओं के भत्ते, किसानों को मुफ्त बिजली देने, खाद-बीज पर मिलने वाले अनुदान को बढ़ाने, सड़कों के सुदृढ़ीकरण के लिए बजट देने की बात कही। लोगों का कहना था कि पिछले बजट में विभिन्न मदों में काफी पैसा आया, पर खर्च?कहां हुआ और किस पर हुआ किसको जानकारी नहीं है।
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