झुंझुनूPublished: Oct 14, 2023 12:08:48 pm
Kirti Verma
विधानसभा चुनाव में टिकट के लिए आज नेताओं में आपसी मनुमुटाव पैदा हो जाते हैं। एक जमाना ऐसा भी था, जब बिना मांगे ही पार्टी का टिकट मिल जाया करता था।
राजेश सिंह तंवर
झुंझुनू /बुहाना. विधानसभा चुनाव में टिकट के लिए आज नेताओं में आपसी मनुमुटाव पैदा हो जाते हैं। एक जमाना ऐसा भी था, जब बिना मांगे ही पार्टी का टिकट मिल जाया करता था। यह कहना है पांच बार सूरजगढ़ से और दो बार पिलानी से विधायक रह चुके 90 साल के वरिष्ठ नेता सुन्दरलाल का। काका के नाम से विख्यात पूर्व विधायक सुंदरलाल ने पुराने समय के चुनावों को याद करते हुए कहा कि आजकल की तरह पहले टिकटों के लिए मारामारी नहीं होती थी। अचानक दिल्ली बुलाकर टिकट दे दिया जाता था। बात वर्ष 1972 की है।