शुक्रवार को स्कूल गई टीम ने बच्चों की फोन पर आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल से बात करवाई, तो बच्चों ने यह हकीकत बयां की। बच्चों ने बताया कि शिक्षक डराकर रखता था। बच्चों को आवास पर बुलाता था। इस बात का अन्य स्टाफ को पता था, लेकिन उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
टीम के सामने आया कि आरोपी शिक्षक रविंद्र सिंह बच्चों का कॅरियर खराब करने की धमकी देने के साथ-साथ मारपीट भी करता था। जेल जाने का डर दिखाता था। कई बार वह शिकायत पेटी को ही घर ले जाता था। स्कूल में काउंसलर नहीं होने से बच्चे अपनी पीड़ा बता नहीं सके। आरोपी खुद सीनियर हाउस मास्टर था। इसके अलावा चार हाउस मास्टर थे जो सीनियर हाउस मास्टर के अधीन कार्य करते थे।
डेढ़ साल से नहीं खंगाले सीसीटीवी कैमरे
बाल संरक्षण आयोग की टीम ने जांच में माना कि स्कूल प्रबंधन ने डेढ़ साल से अधिक समय तक स्कूल में होने वाली गतिविधियों को देखने के लिए सीसीटीवी कैमरों के फुटेज नहीं संभाले। इधर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव मधु हिसारिया भी दोरासर पहुंची और जानकारी जुटाई।