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चार माह के पुत्र ने दी मुखाग्नि, बेटी बोली मैं पूरे करूंगी पापा के सपने

locationझुंझुनूPublished: Dec 07, 2019 11:06:53 pm

Submitted by:

Rajesh

शहीद के चार माह के पुत्र कर्ण कृष्णियां से मुखाग्नि की रस्म निभवाई तो हर किसी की आंख छलक पड़ी।

चार माह के पुत्र ने दी मुखाग्नि, बेटी बोली मैं पूरे करूंगी पापा के सपने

चार माह के पुत्र ने दी मुखाग्नि, बेटी बोली मैं पूरे करूंगी पापा के सपने

चार माह के पुत्र ने दी मुखाग्नि तो छलक पड़ी हर आंख

खेतड़ी. भारत माता की जय व शहीद राजेन्द्र सिंह अमर रहे के गगन भेदी नारों के उद्घोष के साथ खेतड़ी उपखण्ड के हरडिय़ा ग्राम पंचायत के गांव ढहरवाला में शनिवार को शहीद हवलदार राजेन्द्र सिंह कृष्णियां की देह पंचतत्व में विलीन हो गई। शहीद के चार माह के पुत्र कर्ण कृष्णियां से मुखाग्नि की रस्म निभवाई तो हर किसी की आंख छलक पड़ी।
कह कर गए थे आऊगां पुत्र जन्म का दशोठन करने, आए तिरंगे में लिपट कर
शहीद राजेन्द्र सिंह जाट के गांव के युवकों लीलाधर, संदीप, चरणसिंह, विजय सिंह, नरेश, सुभाष ने बताया कि राजेन्द्र सिंह मिलनसार व्यक्तित्व के धनी थे। गत 15 दिन पहले जब गांव छुट्टी आए थे तब कह कर गए थे कि पुत्र के जन्म का दशोठन अबकी बार छुट्टी लेकर आऊंगा तब करुंगा । परन्तु अब के छुट्टी के स्थान पर तिरंगे में लिपटकर आए है।
शहीद की पार्थिव देह ज्यों ही घर पहुंची वीरांगना सरोज देवी का रो-रो कर बुरा हाल था। वहीं बेटी अंशु व वीरांगना को परिजन ढांढस बंधवा रहे थे। भाई किशनलाल का भी रो-रोकर बुरा हाल था।
बेटी बोली पिता की सपनों को पूरा करूंगी, सेना में भर्ती होऊंगी
शहीद की 12 वर्षीय पुत्री अंशु ने भरे हुए गले से कहा कि वे भी शहीद पिता की शहादत को नमन करती है तथा बड़ी होकर वे भी सेना में भर्ती हो देश सेवा करेंगी व दुश्मनों से लोहा लेंगी। शहीद राजेन्द्र सिंह की पार्थिव देह का 20 जाट रेजीमेन्ट जयपुर से नायब सूबेदार प्रकाशचन्द के नेतृत्व में आई सेना की टुकड़ी व झुंझुनूं से आई राजस्थान पुलिस की टुकड़ी ने गार्ड ऑफ आनर दिया व बंदूकों की सलामी दी। इसके अतिरिक्त जम्मू-कश्मीर से आई 2 जाट रेजीमेन्ट के जवानों ने भी सलामी दी।
हाथों में तिरंगा लेकर निकाली अंतिम यात्रा
शहीद की अंतिम यात्रा में हजारों लोग उमड़े। इस दौरान अनेक युवाओं ने अपने हाथ में तिरंगा ले रखा था। पार्थिव देह पर 2 जाट रेजीमेन्ट कश्मीर से आए लेफ्टिनेंट कर्नल आरएस शेखावत, सांसद नरेन्द्र खींचड़, खेतड़ी विधायक डा.जितेन्द्र सिंह, विधायक नीमकाथाना सुरेश मोदी, अतिरिक्त जिला कलक्टर राजेन्द्र प्रसाद अग्रवाल, पूर्व विधायक दाताराम गुर्जर, पूर्व विधायक हजारीलाल गुर्जर, धर्मपाल गुर्जर, उपखण्ड अधिकारी शिवपाल जाट, उपाधीक्षक मोहम्मद अयूब खान, पालिकाध्यक्ष उमरावसिंह कुमावत, पूर्व विधायक पूरणमल सैनी, पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी, विजयपाल सिंह भाटीवाड़, दिनेश फौजी, चरणसिंह, गोकुलचन्द सैनी, बजरंगसिंह चारावास, ग्यारसीलाल गुर्जर, अमीचन्द सिंघल, सरपंच सुमन देवी, मूलचन्द सैनी, रामवतार झाझडिय़ा, ताराचन्द भावरिया, फूलाराम सैनी, चुन्नीलाल चनेजा, मनीराम चिरानी, सरजीत स्वामी, प्रहलाद लोचिव, जिला सैनिक कल्याण बोर्ड के कमाण्डर पीए हुसैन, सूबेदार जयकरण डांगी व कैप्टन रामनिवास ताखर सहित सैकड़ों जनप्रतिनिधि व ग्रामीणों ने शहीद की पार्थिव देह पर पुष्प अर्पित किए।
शहीद के परिवार में दो भाई हैं
शहीद राजेन्द्र सिंह व उनका छोटा भाई किशनलाल है। राजेन्द्र सिंह 2001 में 2 जाट रेजीमेन्ट में बरेली सेन्टर पर भर्ती हुए थे तथा गत 8 वर्षो से जम्मू-कश्मीर के तंगधार क्षेत्र में सीमा पर सेवाएं दे रहे थे। शहीद का छोटा भाई किशनलाल घर में रहकर खेती कार्य करता है। शहीद के पिता रोहिताश्व व माता रजकोरी देवी का पूर्व में निधन हो चुका है। शहीद के दो बहनें है। जिसमें संतरा देवी व सुमन देवी का विवाह हो चुका है। शहीद की ससुराल सीकर जिले के गोरधनपुरा गांव में है।
आठ किलोमीटर तक गंूजते रहे जयकारे
शहीद की पार्थिव देह के खेतड़ी सीमा में प्रवेश करने पर लोयल गांव में सैकड़ों ग्रामीणों ने पुष्प वर्षा कर शहीद का अभिनंदन किया व भारत माता की जय का नारा लगाया। इसके पश्चात बबाई से आधा दर्जन डीजे चला कर व सैकड़ों दुपहिया वाहन व लगभग चार सौ छोटी गाडिय़ों के साथ चले।
मिलनसार व्यक्तित्व के धनी थे राजेन्द्र सिंह
ढहरवाला के ग्रामीणों ने बताया कि राजेन्द्र सिंह मिलनसार व्यक्तित्व के धनी थे। जब भी छुट्टी आते थे युवकों को सेना भर्ती व खेलों के लिए प्रेरित करते थे।
शहीद स्मारक की घोषणा
खेतड़ी विधायक डॉ.जितेन्द्र सिंह ने शहीद राजेन्द्र सिंह के स्मारक के लिए लगने वाली राशि विधायक कोष से देने की घोषणा की।
जिला सैनिक कल्याण अधिकारी पीए हुसैन व जयकरण डांगी ने बताया कि शहीद वीरांगना को राज्य सरकार द्वारा दिए जाने वाले पैकेज के तहत मकान व 25 लाख रुपए अथवा 50 लाख रुपए नकद, शहीद पत्नी या बच्चों को सरकारी नौकरी,कृषि कनेक्शन व विद्यालय का नामकरण शहीद के नाम किया जाएगा।
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