#rajkumar tailor surajgarh ना रंग बदला ना आकार शिखर पर चढऩे वाले निशान की लम्बाई साढ़े 9 और चौड़ाई 11 फीट होती है। इसे तैयार करने में 13 मीटर सफेद कपड़ा लगता है। जिसमें 2 मीटर लाल व दो मीटर हरा कपड़ा शामिल है। ध्वज सिलने के अलावा पेन्टिग सहित अन्य कार्य करने में 5 दिन लगते हैं। ध्वज को लगाने के लिए साढ़े 13 फीट का बांस होता है। जिसे 21 मीटर लम्बी रस्सी के सहारे संतुलित किया जाता है। इसके साथ ही ध्वज के ऊपर मोरपंखी भी लगी होती है। ध्वज पर श्याम प्रभु की नीले घोड़े पर सवार हुए का चित्र अंकित किया जाता है। इसकेचारों तरफ हरे रंग के कपड़े से बार्डर व पीले रंग के कपड़े से सजावट की जाती है। ध्वज पर अपने बछड़े को दूध पिलानी गाय का चित्र भी बनाया जाता है। सूरजगढ़ का नाम भी इस पर अंकित होता है।
ध्वज तैयार करने में 11 हजार रुपए के करीब खर्च आता है। जो श्याम भक्त निशान चढ़ाने का इच्छुक होता है। उसे उक्त खर्चा वहन करना पड़ता है। इसके लिए पहले से मंदिर कमेटी से सम्पर्क कर निशान के लिए अपना नाम दर्ज करवाना पड़ता है।
तीन मार्च को होगी ध्वज स्थापना
सूरजगढ़ से खाटू जाने वाले ध्वज की स्थापना 3 मार्च को सूरजगढ़ स्थित श्याम मंदिर में होगी। इसके बाद 9 मार्च को पदयात्री इस ध्वज को लेकर खाटू के लिए रवाना होंगे। 15 मार्च द्वादशी के दिन मंदिर में ध्वज फहराया जाएगा। यही ध्वज खाटूश्यामजी मंदिर पर पूरे एक साल तक लहराता है।
---------------
रिपोर्ट लक्ष्मीकांत शर्मा