रवि के साथ मलेशिया में फंसे उत्तर प्रदेश के कुशीनगर के 18 अन्य लोगों को भी अलग-अलग जगहों पर बेच दिया गया है। रवि ने बताया कि जिस जगह उसे रखा गया है वहां न तो बिजली है न रोड न ही आस-पास कोई घर या बस्ती। उसे रात में काम पर लगाया जाता है और दिन में घर में ही बंद रखा जाता है। बेचने से पहले इन सबके वीज़ा और पासपोर्ट फिर से छीन लिए गए हैं।
झुंझुनूं और उत्तर प्रदेश के 19 कामगार मजदूर काम की तलाश में तीन महीने पहले एजेंट के जरिए मलेशिया गए थे। जहां इनके पासपोर्ट और वीजा जब्त कर इन सभी को एक कमरे में बंधक बना लिया गया। एजेंट ने पहले ही इनसे 1.70 लाख रुपए ले लिए थे और वीजा-पासपोर्ट जब्त करने के बाद सवा लाख रुपए और देने के लिए दबाव बना रहे थे।
साथ ही न देने पर अवैध रूप से मलेशिया में घुसने और रहने के आरोप में फंसाने की धमकी दे रहे थे। खबर छपने के बाद
बीकानेर से भी तीन ऐसे ही पीडि़त सामने आए। उन्होंने भी काम दिलाने के बहाने मलेशिया भेजने और फिर फंसाने की धमकी देकर पैसे एंठने का खुलासा किया था।
खरीदने-बेचने के इस सारे मामले का सारा खुलासा उस दंपत्ति ने ही किया। तमिल महिला ने रवि को बताया कि उसका एजेंट उन्हें एक लड़का देने के बदले 1000 रिंगिट लेकर गया है। खबर है कि रवि और उसके साथियों के खर्चे से परेशान हो एजेंट ने उन्हें अलग-अलग लोगों को कुछ समयावधि के लिए बेच देता है। ये तमिल व्यक्तिही रवि को ट्रक में बिठाकर यहां तक लाया है। उसने कहा कि अगर वो मेहनत से काम करेगा तो वो उसे सैलरी भी देगा। साथ ही रवि के बदले उसे हर महीने एजेंट को एक हजार रिंगिट भी देने हैं।