जिले में यूं समझिए उत्पादन का गणित
बाजरा: झुंझुनूं में खरीफ सीजन में ढाई लाख हैक्टेयर में बाजरे की फसल बोई जाती है। एक हैक्टेयर में करीब एक टन बाजरा उत्पादित होता है। ऐसे मे ढाई लाख टन औसत बाजरे का उत्पादन किसान करते हैं।
बाजरा: झुंझुनूं में खरीफ सीजन में ढाई लाख हैक्टेयर में बाजरे की फसल बोई जाती है। एक हैक्टेयर में करीब एक टन बाजरा उत्पादित होता है। ऐसे मे ढाई लाख टन औसत बाजरे का उत्पादन किसान करते हैं।
मूंग: सरकार ने भले ही इस बार मूंग का समर्थन मूल्य तय किया हो। इस बार मूंग का उत्पादन ना के बराबर है और बरसात से गुणवत्ता खराब हो गई। उत्पादन भी चार हैक्टेयर में छह क्विंटल औसत है।
मूंगफली: जिले में मूंगफली का उत्पादन ना के बराबर होता है। क्योंकि इसका रकबा इस बार महज 18 हैक्टेयर था। मूंगफली का उत्पादन 16 क्विंटल प्रति हैक्टेयर औसत हुआ है।
बाजरे का तय हो समर्थन मूल्य
जिले में सबसे ज्यादा बाजरे का उत्पादन होता है। फिर भी बाजरे की समर्थन मूल्य पर खरीद नहीं करना किसानों के लिए विडंबना है। सरकार को जिले में बाजरे की समर्थन मूल्य पर खरीद की जानी चाहिए।
सुशील, किसान श्योपुरा
बाजरे का तय हो समर्थन मूल्य
जिले में सबसे ज्यादा बाजरे का उत्पादन होता है। फिर भी बाजरे की समर्थन मूल्य पर खरीद नहीं करना किसानों के लिए विडंबना है। सरकार को जिले में बाजरे की समर्थन मूल्य पर खरीद की जानी चाहिए।
सुशील, किसान श्योपुरा
जिले का ऐसा कोई किसान नहीं होगा, जो बाजरे की बुआई नहीं करता है। बाजरे का उत्पादन भी अच्छा है। सरकार को चाहिए कि अभी किसानों ने बाजरे का बेचान नहीं किया है। ऐसे में समर्थन मूल्य पर खरीद के आदेश जारी किए जाने चाहिए।
संदीपकुमार, किसान भामरवासी
संदीपकुमार, किसान भामरवासी
बाजरे की नहीं होगी खरीद
जिले में मूंग व मूंगफली की समर्थन मूल्य पर खरीद होगी। मूंग 7275 व मूंगफली 5550 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदा जाएगा। बाजरे की खरीद से संबंधित हमारे पास कोई आदेश नहीं हैं। मूंग व मूंगफली की खरीद की तैयारियां की जा रही हैं।
संदीप शर्मा, डिप्टी रजिस्ट्रार सहकारी समितियां (झुंझुनूं)