scriptSting Operation : झुंझुनूं से हरियाणा तक पुलिस थानों, चौकियों और टोल नाके से गुजरे हरी लकड़ी स्मगलर | Smugglers of green wood passed through police stations, checkpoints and toll posts from Jhunjhunu to Haryana, no fear of police and forest department | Patrika News
झुंझुनू

Sting Operation : झुंझुनूं से हरियाणा तक पुलिस थानों, चौकियों और टोल नाके से गुजरे हरी लकड़ी स्मगलर

सामने आया कि सीकर, चूरू और झुंझुनू जिलों से 300 से ज्यादा गाड़ियां रोजाना हरियाणा के सिंघानी और नारनौल के पास पहुंचती हैं। एक गाड़ी में 30 क्विंटल लकड़ी आती है, इस हिसाब से सीकर, चूरू और झुंझुनूं से रोजाना करीब 9000 क्विंटल लकड़ी हरियाणा जा रही है।

झुंझुनूMay 19, 2024 / 08:24 pm

Jitendra

sting
smuggling of green timber : झुंझुनूं. सुबह के पांच बज रहे हैं। हम खड़े हैं सूरजगढ़ टोल नाके पर। थोड़ी देर में तेज गति से एक पिकअप आती है, चारों तरफ से तिरपाल से ढकी हुई। बिना नम्बरों की इस पिकअप को गौर से देखने में पता चला कि इसमें हरी लकड़ियां भरी हुई है और यह राजस्थान से लकड़ियों की तस्करी कर हरियाणा ले जा रहे हैं। वह गाड़ी निकली ही थी कि एक के पीछे एक हरी लकड़ियों से भरी पिकअप के वहां से निकलने का सिलसिला शुरू हो गया। पांच मिनट में ही करीब दस गाड़ियां लकड़ियां लेकर वहां से निकल चुकी थी। पत्रिका टीम ने 90 किलोमीटर तक तस्करों का पीछा किया तो यह गाड़ियां तेज रफ्तार में सूरजगढ़ से हरियाणा की सीमा में प्रवेश कर गई। हरियाणा के लोहारू होते हुए यह गाड़ियां भिवानी के सिंघानी गांव में पहुंची। इस गांव को देखकर साफ नजर आ गया कि यह लकड़ियों की सबसे बड़ी मंडी है। सड़क के दोनों तरफ खुले में कई सारी आरा मशीनें लगी हुई हैं। मशीनोें के पास लकड़ियों के ढेर लगे हुए हैं। पत्रिका टीम जब सिंघानी गांव पहुंची तो हर तरफ हलचल मच गई। वहां युवाओं की अलग-अलग टोलियां जासूसी करने में लग गई। कहां से आए हो, क्यों आए जैसे कई सवाल हमसे किए गए। उनके सवालों के जवाब देकर आरा मशीनों के आगे से निकले तो देखा कि राजस्थान से जो गाड़ियां आई थीं, वह एक-एक कर इन आरा मशीनों पर खाली हो रही थीं। सुबह सात बजे तक सभी गाड़ियां इन आरा मशीनों पर आकर खाली हो जाती हैं। खास बात यह है कि रात से लेकर सुबह तक बेखौफ होकर हरी लकड़ियों का मुख्य सड़कों से परिवहन किया जा रहा है, सबको इसका पता भी लेकिन कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति ही होती है।

रात 8.30 बजे से सुबह 7 बजे तक चलता है कारोबार

हरी लकड़ियों की तस्करी करने वाले रात करीब 8.30 बजे से झुंझुनूं जिले के चिड़ावा, पिलानी, बुहाना, सूरजगढ़, खेतड़ी, सिंघाना, गुढ़ागौड़जी, उदयपुरवाटी आदि क्षेत्रों में हरी लकड़ियों की कटाई शुरू करते हैं और देर रात 2.30-3.00 बजे पिकअप में लकड़ियां भर कर हरियाणा के सिंघानी गांव के लिए रवाना होते हैं और सुबह 5 बजे से 7 बजे तक सिंघानी की आरा मशीनों पर इन गाड़ियों के पहुंचने का सिलसिला चलता रहता है।

150-200 रुपए में खरीदते हैं

तस्कर खेतों में से से डेढ़ सौ रुपए से लेकर के दो सौ रुपए प्रति क्विंटल तक लकड़ी की खरीद करते हैं और मंडी में जाकर साढे चार सौ से पांच सौ रुपए प्रति क्विंटल में बेचते हैं। हरियाणा के सिंघानी में एक आरा मशीन संचालक से पूछा गया कि लकड़ी किस भाव खरीदोगे तो उसने 420 रुपए प्रति क्विंटल के भाव बताए, बाद में कम करने के लिए कहा तो उसका कहना था कि लकड़ी देखकर भाव तय होंगे।

कहीं कोई रोक न टोक

करीब तीन घंटे की इस पड़ताल में यही समझ में आया कि तस्करों को पुलिस या वन विभाग की कार्रवाई का कोई डर नहीं है। इसलिए वे खुलेआम मुख्य सड़कों से होकर लकड़ियों से भरी पिकअप लेकर जा रहे हैं। पिकअप को ऊपर से जरूर तिरपाल से ढक दिया जाता है लेकिन पीछे की तरफ से लकड़ियां बाहर निकली हुई साफ नजर आती है लेकिन पूरे रास्ते में इन गाड़ियों को रोकने-टोकने वाला कोई नहीें मिला।

रास्ते में चार थाने, वन विभाग का कार्यालय भी

झुंझुनूं के गुढ़ा, उदयपुरवाटी क्षेत्र से दर्जनों गाडिय़ों भरकर हरियाणा पहुंचती हैं। बीच में गुढ़ागौडज़ी, सुलताना, चिड़ावा और सूरजगढ़ थाना एवं चनाना पुलिस चौकी क्षेत्र आता है। चिड़ावा में तो वन विभाग का कार्यालय भी है।

तीन जिलों से 300 गाड़ियां रोज निकलती है

पड़ताल में सामने आया कि सीकर, चूरू और झुंझुनू जिलों से 300 से ज्यादा गाड़ियां रोजाना हरियाणा के सिंघानी और नारनौल के पास पहुंचती हैं। एक गाड़ी में 30 क्विंटल लकड़ी आती है, इस हिसाब से सीकर, चूरू और झुंझुनूं से रोजाना करीब 9000 क्विंटल लकड़ी हरियाणा जा रही है।

Hindi News/ Jhunjhunu / Sting Operation : झुंझुनूं से हरियाणा तक पुलिस थानों, चौकियों और टोल नाके से गुजरे हरी लकड़ी स्मगलर

ट्रेंडिंग वीडियो