पानी से मिलते है न्यूट्रिशन
हाइड्रोपोनिक फार्मिंग में पौधों को पानी के जरिए सूक्ष्म पोषक तत्व पहुंचाए जाते हैं। इन तत्वों में लोहा, कोबाल्ट, क्रोमियम, तांबा, आयोडीन, मैंगनीज, सेलेनियम, जस्ता और मोलिब्डेनम आदि शामिल हैं। 1000 स्क्वायर फीट एरिया में हाइड्रोपोनिक कृषि करने के लिए करीब सात लाख रुपए खर्च होते हैं। इसमें क्लाइमेट कंट्रोल पॉलीहाउस, हाइड्रोपोनिक यूनिट, पंपिंग सेट, वाटर टैंक, फोगर, मोनो व्हाइट नेट आदि तैयार करना होता है।
मैं खुद यह खेती देखकर आया हूं। इसी प्रकार की खेती अपने जिले में भी संभव है। यह नई तकनीक है। जल संवर्धन कृषि में सामान्य खेती की तुलना में 94 प्रतिशत पानी की बचत कर सकते हैं। इसमें पौधों तक पौषक तत्व पहुंचाने के लिए पाइप के जरिए पानी प्रवाहित होता है। यही पानी पाइपों के जरिए वापस टैंक में पहुंच जाता है। यहीं से पंपिंग कर इसे पुन पोषक तत्वों के साथ पौधों की जड़ों में स्प्रे कराया जाता है।
-डॉ दयानंद, कृषि वैज्ञानिक, केवीके आबूसर