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झुंझुनूं में जमीन से 180 मीटर नीचे दौड़ती है मालगाड़ी

locationझुंझुनूPublished: Jan 01, 2022 08:53:25 pm

Submitted by:

Rajesh

इसी केसीसी में दो लेवल पर मालगाडिय़ां चलती हैं। पहला लेवल है धरती से 120 मीटर नीचे। जहां मालगाड़ी चलती है। दूसरा लेवल 180 मीटर नीचे का है। यहां भी मालगाडिय़ां चलती है। यहां धरती के नीचे तांबे के अकूत भंडार हैं। तांबे के अयस्क(कच्चा माल) निकालने के लिए मालगाड़ी चलती है। मालगाड़ी चलाने के लिए धरती पर पटरियां भी बिछी हुई है। मालगाड़ी के डिब्बे एक दूसरे से जुड़े हुए भी हैं।

झुंझुनूं में जमीन से 180 मीटर नीचे दौड़ती है मालगाड़ी

झुंझुनूं में जमीन से 180 मीटर नीचे दौड़ती है मालगाड़ी

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झुंझुनूं. आज हम आपको बता रहे हैं अनूठी मालगाड़ी के बारे में। हां….यह मालगाड़ी बिल्कुल अनूठी है। क्योंकि यह धरती पर नहीं चलती। अनूठी इसलिए क्योंकि यह धरती से करीब 180 मीटर नीचे चलती है। हम बात कर रहे हैं राजस्थान के झुंझुनूं जिले की। यहां हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड की इकाई है। इस इकाई का नाम है खेतड़ी कॉपर कॉम्पलेक्स। इसे शॉर्ट में केसीसी भी कहते हैं।
इसी केसीसी में दो लेवल पर मालगाडिय़ां चलती हैं। पहला लेवल है धरती से 120 मीटर नीचे। जहां मालगाड़ी चलती है। दूसरा लेवल 180 मीटर नीचे का है। यहां भी मालगाडिय़ां चलती है। यहां धरती के नीचे तांबे के अकूत भंडार हैं। तांबे के अयस्क(कच्चा माल) निकालने के लिए मालगाड़ी चलती है। मालगाड़ी चलाने के लिए धरती पर पटरियां भी बिछी हुई है। मालगाड़ी के डिब्बे एक दूसरे से जुड़े हुए भी हैं।
हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड की केसीसी इकाई मिनी रत्न के नाम से जानी जाती थी। तांबा के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने वाली कंपनी में औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। यूनियन नेता व पूर्व कर्मचारी बिड़दूराम सैनी ने बताया कि एचसीएल में केसीसी प्लांट के लिए 1959 से 1962 तक भूगर्भीय ड्रिलिंग एक्सप्लोरेशन किया गया। जिसके बाद 1964 में खान की शुरुआत की गई। इसके बाद एमइसीएल कंपनी द्वारा सरफेस ड्रिलिंग का कार्य समय-समय पर होता रहा। एमईसीएल कंपनी ने सन 2004-5 से लेकर 2010 तक आका वाली में सर्वे किया। वहां पर मेटल जांच लैब भी बनाई गई। केसीसी में तांबा के लिए सन 2010-11 में भी एयरबुन सर्वे किया गया। पिछले 3 साल से कोलिहान, चांदमारी इंटरवेनिंग ब्लॉक की डायमंड ड्रिलिंग का एक्सप्लोरेशन किया जा रहा है।
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केसीसी प्लांट में वर्तमान में लगभग 76 मिलियन टन तांबे के भंडार मौजूद हैं। एक्सप्लोरेशन रिपोर्ट में मुरादपुर झुंझुनू से लेकर रघुनाथगढ़ सीकर तक की अरावली पर्वत मालाओं में तांबे के बहुत बड़े भंडार हैं। वर्तमान स्थिति के अनुसार तांबा उत्पादन अगले 70 साल तक भी किया जा सकता है।
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पानी की कमी

केसीसी में 1996 तक कर्मचारियों की भर्ती भी हुई जहां पहले करीब 20 हजार के लगभग कर्मचारी हुआ करते थे आज सिमटकर 500 से कम रह गए हैं। अधिकतर कार्य ठेका प्रणाली से करवाया जाने लगा। केसीसी कंपनी पानी की कमी से जूझ रही है। पानी की कमी व अन्य कारणों से स्मेल्टर व रिफाइनरी प्लांट बंद हो गए।

सोने की तरह चमकता वेस्ट का ढेर


केसीसी के पास ही पहाड़ों के बीच में वेस्ट का ढेर लगा हुआ है। यह दूर से सोने की तरह चमकता है। लेकिन हकीकत में यहां वेस्ट के अलावा कुछ नहीं है। कई बार अफवाह उड़ चुकी कि यहां अरबों का सोना है, लेकिन यह केवल वेस्ट है।
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