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जानिए क्या होता है स्टीपल चैस, झुंझुनूं में कौन बढ़ा रहे इस आगे

locationझुंझुनूPublished: Nov 12, 2021 05:37:53 pm

Submitted by:

Rajesh

स्टीपल चैस तीन किलोमीटर लम्बी दौड़ होती है। इस दौड़ में निश्चित दूरी के बाद कुल 35 बाधाएं पार करनी पड़ती है। इसमें 28 बाधाएं ऊंचाई की होती है जबकि सात बाधा पानी की होती है। श्योराण का रेकॉर्ड 8 मिनट और 36 सेकैंड का है। यह रिकॉर्ड उन्होंने वर्ष 1991 में बनाया था।

जानिए क्या होता है स्टीपल चैस, झुंझुनूं में कौन बढ़ा रहे इस आगे

जानिए क्या होता है स्टीपल चैस, झुंझुनूं में कौन बढ़ा रहे इस आगे


राजेश शर्मा
झुंझुनूं. जिस खेल के बारे में शेखावाटी में नाम मात्र के लोग ही जानते हैं, उसी खेल के खिलाड़ी अब शीशिया गांव निवासी प्यारेलाल श्योराण तैयार कर रहे हैं। यह खेल है स्टीपल चैस। श्योराण सेना से कप्तान पद से रिटायर्ड हैं। वे वर्ष 1982 में सेना में सिपाही पद पर भर्ती हुए थे।
उन्होंने बताया कि सेना में जाने से पहले उन्होंने इस खेल का नाम तक नहीं सुना था। भर्ती होने के बाद सेना में अंतर खेलकूद प्रतियोगिता हो रही थी। उसमें मैंने भी भाग लिया। सेना में भर्ती होने से पहले मैं खेतों में कभी मिट्टी, कभी उबड़ खाबड़ रास्तों तो कभी जोहड़ के पास दौड़ लगाता था। मेरी यह मेहनत सेना में काम आई। मैंने पहली ही प्रतियोगिता में पांच किलोमीटर व दस किलोमीटर में स्वर्ण पदक जीत गया। मेरे दौडऩे के तरीके को देखकर उस समय के सेना के कोच ने मुझे दौड़ की बजाय स्टीपल चेस खेलने के लिए कहा। तभी से मैंने यह खेल शुरू किया। पहले सेना की तरफ से खुद खेले। फिर वर्ष 1995 में पटियाला से एनआइएस कोच बनने की डिग्री ली। डिग्री लेने के बाद सेना ने उनको वर्ष 1996 से 2009 तक सेना में इस खेल का मुख्य कोच नियुक्त कर दिया। इसके बाद वे सेना में खिलाड़ी तैयार करते रहे। उनका दावा है कि उनके सिखाए अनेक खिलाड़ी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीत चुके और विदेश में भी भारत का नाम रोशन कर रहे हैं। सेना से रिटायर होने के बाद अब 61 वर्ष की उम्र में भी गांवों में स्टीपल चैस के खिलाड़ी तैयार कर रहे हैं। इसके बदले वे किसी प्रकार का शुल्क नहीं ले रहे।
#Steeplechase in jhunjhunu
यह पदक जीते
-नेशनल में दस से ज्यादा पदक
-एशियन चैम्पियनशिप में 1991 में चौथा स्थान
-ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई

#pyare lal shyoran
क्या होता है स्टीपल चैस
स्टीपल चैस तीन किलोमीटर लम्बी दौड़ होती है। इस दौड़ में निश्चित दूरी के बाद कुल 35 बाधाएं पार करनी पड़ती है। इसमें 28 बाधाएं ऊंचाई की होती है जबकि सात बाधा पानी की होती है। श्योराण का रेकॉर्ड 8 मिनट और 36 सेकैंड का है। यह रिकॉर्ड उन्होंने वर्ष 1991 में बनाया था।
#Steeplechase in jhunjhunu

अच्छी डाइट जरूरी
अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी प्यारेलाल का कहना है कि वर्तमान में सरकार को अच्छे कोच लगाने, अच्छे मैदान बनाने के साथ ही अच्छी डाइट पर भी ध्यान देना होगा। भारत में भी जापान, इंग्लैंड, अमरीका, चीन जैसे खेल मैदान होने चाहिए। अब खेलो इंडिया से स्तर सुधर रहा है। खिलाडिय़ों को ज्वारा का जूस, अंकुरित दाल, दूध व पनीर का सेवन ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए।
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