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जान जोखिम में डाल जान बचा रहे धरती के भगवान

locationझुंझुनूPublished: Mar 31, 2020 03:47:51 pm

Submitted by:

Rajesh

सेन्टर के प्रभारी अधिकारी मेघपुर-पांथरौली गांव के डॉ. धीरज कुमार 17 मार्च से यहां तैनात हैं। वे एवं उनकी टीम पिछले 13 दिन से अपने घर नहीं गए हैं। लगातार हॉस्पिटल में रहकर मरीजों की सेवा कर रहे हैं।

जान जोखिम में डाल जान बचा रहे धरती के भगवान

जान जोखिम में डाल जान बचा रहे धरती के भगवान

झुंझुनूं में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर्स से लाइव

राजेश तंवर

बुहाना (झुंझुनूं). कोरोना के खौफ के बीच जब आम आदमी बाहर घूमने से डर रहा है। नजदीकी व्यक्तियों को भी अपने पास नहीं बुला रहा। अपने भी अपनों से दूरी बना रहे हैं। सब अपने घर में सिमट कर रह गए हैं। कोई व्यक्ति यह कह दे कि वह इटली, चीन और भीलवाड़ा से आया है तो तुरंत उससे दूर हो रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ धरती के ‘भगवानÓ और नर्सिंग स्टाफ हैं जो संदिग्ध मरीजों के बीच रहकर उनका उपचार कर रहे हैं। खुद की सुरक्षा करते हुए उपचार के साथ उनमें सकारात्मक विचार भी भर रहे हैं।
डॉक्टर किन परिस्थितियों में सीमित संसाधनों में संक्रमित एवं संदिग्ध लोगों का उपचार कर रहे हैं इसका उदाहरण पचेरीकलां में संचालित सिंघानिया हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेन्टर में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में देखने को मिल रहा है। सेन्टर के प्रभारी अधिकारी मेघपुर-पांथरौली गांव के डॉ. धीरज कुमार 17 मार्च से यहां तैनात हैं। वे एवं उनकी टीम पिछले 13 दिन से अपने घर नहीं गए हैं। लगातार हॉस्पिटल में रहकर मरीजों की सेवा कर रहे हैं। डॉ. कुमार के पांच साल की एक बेटी है। वे अपनी बच्ची एवं परिजनों से दिन में एक बार मोबाइल पर बात करते हैं, वह भी सीमित समय के लिए। हॉस्पिटल के मैस से सभी कर्मचारियों का खाना आता है। टीम एक दूसरे का हौंसला बढ़ाकर काम कर रही है। हॉस्पिटल में फिलिपिंस से मेडिकल की पढ़ाई कर लौटे सिहोडिया की ढाणी के एक युवक को कोरोनो पॉजिटिव पाए जाने के बाद से जांच कराने वालों की संख्या बढऩे लगी है।
30 का मेडिकल स्टाफ

सिंघानिया हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेन्टर में बुहाना एवं खेतड़ी का करीब तीस जनों का चिकित्सकीय स्टाफ लगाया गया है। पिलानी, चिड़ावा एवं सूरजगढ़ नगर पालिका के नौ सफाईकर्मी लगाए हैं। बुहाना, खेतड़ी, चिड़ावा, सूरजगढ़ एवं सिंघाना में कार्यरत लैब तकनीशियन को जांच के लिए लगाया गया है।
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परिवार से बड़ी मरीजों की सेवा की जिम्मेदारी

अनुज शर्मा
बगड़. कस्बे के पीरामल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दंत रोग विशेषज्ञ डॉ. हर्षवर्धनसिंह शेखावत विदेश से लौटे लोगों की सेवा में जुटे हुए हैं। वे झुंझुनूं में श्री राणी सती मंदिर में बनाए गए सेंटर में सेवा दे रहे हैं। यहां पर विदेश से लौटने वालों व संदिग्धों को भर्ती कर उनके सैम्पल लेकर जयपुर भेजे जा रहे हैं। डॉ. शेखावत ने बताया कि वे घर जाते हैं तो घर में भी खुद को आइसोलेट रखते हैं। बोले- हमें यह जंग हर हाल में जीतनी है।
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15 दिन से घर से दूर रोहित
झुंझुनूं. बाकरा गैस प्लांट के निकट गुसाई की ढाणी निवासी रोहित जोशी बीकानेर के पीबीएम अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में कोरोना के संदिग्ध मरीजों की सेवा में जुटे हैं। उन्होंने बताया कि वह 15 दिन से लगातार ड्यूटी कर रहे हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि आप घर से बाहर नहीं निकलें।
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जिले में कहां कितने कोरंटाइन
जगह संख्या

जेजेटी चुड़ैला 07
सिंघानिया पचेरी 155

राणी सती मंदिर 60
नवलगढ़ 20

कुल 242
(30 मार्च की शाम 4 बजे तक)


परिजनों की चिंता छोड़ सेवा में जुटे डॉक्टर
कुंजबिहारी बिरमीवाला
बिसाऊ. कस्बे में विदेश से लौट रहे लोगों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। इसके लिए राजकीय जटिया अस्पताल के प्रभारी अधिकारी डॉक्टर सुनील सैनी और डॉक्टर संदीप रोहिल्ला मुस्तैदी से जुटे हुए हैं। डॉक्टर सुनील सैनी 18 मार्च से कोविड.19 को लेकर स्पेशल ड्यूटी पर है। जबकि डॉ संदीप 22 मार्च से संदिग्ध या विदेश से लौटने वाले व्यक्तियों की निगरानी के लिए काम कर रहे हैं। डॉक्टर्स ने बताया कि जब से करोना आया है तब से हॉस्पिटल टाइम और घर के लिए टाइम का कोई मतलब नहीं रहा। जब भी सूचना मिलती है सुबह शाम का वक्त देखे बिना तुरंत मेडिकल टीम के साथ जाकर जानकारी एकत्रित करते हैं। डॉक्टर संदीप ने बताया कि विदेश से लौटने वाले या दूसरे राज्य से आने वाले लोगों की ट्रेवल हिस्ट्री जुटाई जाती है और लक्षण के आधार पर आगे का निर्णय लिया जाता है। जबकि बाहर से आने वाले सभी लोगों को होम आइसोलेटेड की पालना के लिए भी पाबंद किया जाता है। डॉक्टर सैनी ने बताया कि खुद की सुरक्षा के लिए मास्क, ग्लब्स और सेनेटाइजर का उपयोग करते हैं। दोनों डॉक्टर ने बताया कि परिवार एवं जान की परवाह किए बिना डॉक्टर के पेशे का धर्म निभा रहे हैं और जब तक कोरोना खत्म नहीं हो जाता तब तक डटे रहेंगे।
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