कैर को खाने योग्य बनाने के लिए मिट्टी के मटके में पानी में नमक का घोल बनाकर कई दिनों तक डुबोकर रखा जाता है। जिससे इसका कड़वापन खत्म होकर खट्टा मीठा स्वाद हो जाता है।
कैर में कैल्शियम, आयरन, विटामिन ए और कार्बोहाइड्रेट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। एंटी ऑक्सीडेंट युक्त कैर और सांगरी की सब्जी विभिन्न रोगों से बचाती है। कैर के डंठल से बने चूर्ण से कफ और खांसी में आराम होता है। कैर की छाल के चूर्ण से पेट साफ रहता है और कब्ज की समस्या दूर होती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। कैर व सांगरी की सब्जी बनाने से पहले इसको उबालना जरूरी है।
मधुसूदन शर्मा, आयुर्वेद चिकित्सक, मलसीसर