पत्नी शिक्षक थी, घर का पूरा खर्चा चला रही थी, फिर भी कर दी हत्या, अब मिली सजा
झुंझुनूPublished: Dec 04, 2019 02:19:40 pm
उसकी पुत्री पेशे से अध्यापिका थी
धर्मपाल सदैव उसकी पुत्री से शराब के लिए रुपए मांगता था और मना करने पर उसके साथ मारपीट करता था।
पत्नी शिक्षक थी, घर का पूरा खर्चा चला रही थी, फिर भी कर दी हत्या, अब मिली सजा
झुंझुनूं. अपर सेशन न्यायाधीश संख्या एक झुंझुनूं मुज्जफर चौधरी ने पत्नी की हत्या के आरोपी पति धर्मपाल जाट निवासी भैंसावता खुर्द (सिंघाना) को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
मामले के अनुसार गोकुलचंद ने 11 जून 2015 को एक रिपोर्ट थानाधिकारी सिंघाना को दी कि उसकी पुत्री मनोज कुमारी का विवाह 2001 में धर्मपाल के साथ उसके घर गांव भड़ौन्दा कलां में हुआ। उसकी पुत्री पेशे से अध्यापिका थी एवं उसके दो पुत्रियां है। धर्मपाल कुछ भी काम नहीं करता व शराब पीता है। धर्मपाल सदैव उसकी पुत्री से शराब के लिए रुपए मांगता था और मना करने पर उसके साथ मारपीट करता था। उसकी पुत्री धौलपुर जिले में अध्यापिका थी तथा उसने अपनी कमाई से झुंझुनूं में एक प्लाट भी अपने नाम से ले रखा था। जब भी उसकी पुुत्री घर आती तो उसे व उसकी पत्नी यानि अपनी मां को उक्त बातें बताती थी। उसकी पुत्री अपने ससुराल भैंसावता खुर्द 10-15 दिन पूर्व ही गई थी तो धर्मपाल ने उससे अपने खर्च के लिए रुपए की मांग की और झुंझुनूंवाला प्लाट बेचकर उसे रुपए देने के लिए कहा। तब मनोज कुमारी के मना करने पर उससे मारपीट की गई तथा धर्मपाल आदि ने झुंझुनूं स्थित प्लाट को बेचने का दवाब देकर उसे जान से मार दिया। फिर उसे फांसी पर लटकाने का नाटक किया। रात डेढ़ बजे उसकी छोटी पुत्री अनू ने उसे फोन पर यह सूचना दी। इस पर वह ग्राम के अन्य लोगों को लेकर ग्राम भैंसावता खुर्द आया। उसकी पुत्री की षडय़ंत्र कर हत्या की गई है तथा मृतका के आंख, मुंह व शरीर के अन्य हिस्सों पर चोटें थी। पुलिस ने बाद जांच मृतका के पति धर्मपाल के विरूद्ध न्यायालय में चालान पेश किया। राज्य सरकार की तरफ से पैरवी कर रहे अतिरिक्त निदेशक अभियोजन कमल किशोर शर्मा ने कुल 19 गवाहान के बयान करवाए तथा 33 दस्तावेज प्रदर्शित करवाए गए। न्यायाधीश ने पत्रावली पर आई साक्ष्य का बारिकी से विश£ेषण करते हुए आरोपी पति धर्मपाल को आजीवन कारावास के साथ-साथ 10 हजार रुपए अर्थदण्ड से भी दण्डित किया। अर्थदण्ड अदा नहीं करने पर आरोपी को तीन माह का साधारण कारावास अतिरिक्त भुगतने के भी आदेश दिए हैं।