-एक फूल पर दो घेघरी आती है।
-यह चने की नई किस्म है।
– 130से 135 दिन में फसल पक जाती है।
-कम पानी में भी फसल तैयार हो जाती है।
-पछेती बुवाई करने पर भी उत्पादन पर असर नहीं पड़ता।
– औसत उत्पादन बीस से 23 क्विंटल प्रति हैक्टेयर है।
चने की किस्म के विकास, इसके उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र सरकार से डेढ करोड़ रुपए आए थे। उसके तहत किसानों को लाभान्वित किया जा रहा है। यहां पिछले वर्ष चने के प्रजनक बीज का उत्पादन 138 क्विंटल तथा किसानों को दिए जाने वाले बीज का उत्पादन 240 क्विंटल हुआ है। कुल 378 क्विंटल बीज का उत्पादन किया है।
इनका कहना है
केवीके पर 378 क्विंटल चने के बीज का उत्पादन हुआ है। यहां के चने की मांग राजस्थान के एक दर्जन से अधिक जिलों के अलावा जम्मू के पांच जिलों में भी है। जम्मू के पांच जिलों के किसान व केवीके ने यह बीज मंगवाया है। इस बीज की विशेषता यह है कि यह इसके हर फूल पर दो घेघरी आती है। यह नई किस्म है।
-डॉ दयानंद, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केन्द्र आबूसर झंझुनूं