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चुनाव में फायदा लेने की वजह से जुड़वाए फर्जी नाम!

locationझुंझुनूPublished: Aug 22, 2019 12:34:44 pm

Submitted by:

Jitendra

मामले में गिरफ्तार इ-मित्र संचालक सुनील कुमार ने पूछताछ में खुलासा किया है कि जब खाद्य सुरक्षा के आवेदन ऑफलाइन जमा हुआ करते थे। उस समय जून 2018 से नवंबर 2018 के बीच ढाई से तीन हजार अपात्र व्यक्तियों के नाम जोडऩे का कार्य किया गया और यह कार्य आरोपित सुनील ने किया।ढाका ने बताया कि सुनील ने पुलिस में बयान दिया है कि उसके खाते में बबलू चौधरी ने दो लाख रुपए डलवाए थे।यह व्यक्ति विधायक का चुनाव लड़ चुका।बबलू को पुलिस ने नोटिस जारी किया है।

The case of selling SDM rights

चुनाव में फायदा लेने की वजह से जुड़वाए फर्जी नाम!

झुंझुनूं. एसडीएम के आइडी-पासवर्ड के जरिए अपात्र लोगों के नाम खाद्य सुरक्षा में जोडऩे का मामला सामने आने के बाद अब पुलिस विधायक का चुनाव लडऩे वाले व्यक्ति से भी पूछताछ कर सकती है। इधर 12 हजार फार्मों की जांच शुरू कर दी गई है। इसके लिए करीब चालीस पटवारी, गिरदावर व लिपिक कार्य कर रहे हैं। एसडीएम सुरेन्द्र यादव ने बताया कि खाद्य सुरक्षा योजना में ऑफलाइन भरे गए करीब 12 हजार फार्मों की जांच कर रहे हैं।यह भी देख रहे हैं कि किसी ने फार्म नष्ट तो नहीं कर दिए।ऑनलाइन भरे गए करीब ढाई हजार फार्मों की जांच अलग से एक्सपर्ट से करवाई जा रही है। इधर कोतवाली सीआइ गोपालसिंह ढाका ने बताया कि मामले में गिरफ्तार इ-मित्र संचालक सुनील कुमार ने पूछताछ में खुलासा किया है कि जब खाद्य सुरक्षा के आवेदन ऑफलाइन जमा हुआ करते थे। उस समय जून 2018 से नवंबर 2018 के बीच ढाई से तीन हजार अपात्र व्यक्तियों के नाम जोडऩे का कार्य किया गया और यह कार्य आरोपित सुनील ने किया।ढाका ने बताया कि सुनील ने पुलिस में बयान दिया है कि उसके खाते में बबलू चौधरी ने दो लाख रुपए डलवाए थे।यह व्यक्ति विधायक का चुनाव लड़ चुका।बबलू को पुलिस ने नोटिस जारी किया है।

ऐसे हुआ था खुलासा
झुंझुनूं में खाद्य सुरक्षा योजना में नाम एक साथ तेजी से जुड़े। कई खामियां थी उनको भी तुरंत दुरस्त कर दिया जाता। खामियां सही करने का अधिकार केवल एसडीएम के पास होता है। कई बार तो ऐसा हुआ कि रात को दस बजे भी फार्म को सही कर दिया गया।नाम बढऩे पर शक हुआ।एसडीएम सुरेन्द्र यादव ने जांच करवाई तो पता चला कि एक इ मित्र संचालक सुनील कुमावत यह कार्य कर रहा है। सुनील से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह एसडीएम के लोगिन और पासवर्ड से यह कार्य कर रहा था।साथ ही बताया कि लोगिन और पासवर्ड के बदले उसने बुडाना निवासी कलक्ट्रेट की न्याय शाखा में कार्यरत लिपिक योगेश कृष्णियां को 25 हजार रुपए व पार्टी दी थी।योगेश पहले एसडीएम ऑफिस में कार्य करता था।पुलिस ने एसडीएम की नामजद रिपोर्ट पर सुनील व योगेश को गिरफ्तार कर लिया। कलक्टर ने योगेश को निलम्बित भी कर दिया।

थानाधिकारी गोपाल ढाका से से सवाल
सवाल: एसडीएम के अधिकार बेचने के मामले में कौन-कौन आरोपी हैं?
जवाब-अभी दो आरोपी लिपिक योगेश कृष्णिया व इ मित्र संचालक सुनील हैं, दोनों को गिरफ्तार कर लिया है।


सवाल-फार्म भरने का कार्य कहां हो रहा था?
जवाब-ऑफलाइन का कार्य राजु के घर पर हो रहा था।वहीं फार्मों की स्क्रूटनी होती थी। लिस्ट बनती थी।

सवाल-सुनील के खाते में किसने पैसे डाले?

जवाब-अनुसंधान में यह सामने आया है कि सुनील के खाते में बबलू चौधरी की तरफ से दो लाख रुपए डलवाए गए हैं। सुनील ने यह बात स्वीकार की है।

सवाल-ऑनलाइन का कार्य कहां हो रहा था?
जवाब ऑनलाइन का कार्य क्रेसर पर हो रहा था। जिस कम्प्यूटर से यह कार्य हो रहा था, उसे जब्त कर लिया गया है।


सवाल- यह कार्य कब से कब हो रहा था?
जवाब-मोटे रूप से जून 2018 से लगातार ऑफलाइन फार्म भरवाए गए।इसके बाद ऑनलाइन फार्म भरे गए।

सवाल-पासवर्ड कहां से किसने चुराए?
जवाब- योगेश पहले एसडीएम कार्यालय में लिपिक था।अनुसंधान में सामने आया है कि उसने एसडीएम के आइडी व पासवर्ड चुराकर ई मित्र संचालक सुनील को दिए। दोनों साथ बैठकर काम करते थे।

सवाल-तत्कालीन एसडीएम की भी कोई भूमिका है?
जवाब- अभी तक उनकी कोई भूमिका सामने नहीं आई है।

मुझे झूठे मामले में फंसा रहे हैं
मैंने किसी के खाते में दो लाख रुपए नहीं डलवाए।थानाधिकारी गोपाल ढाका शराब के ठेके के मामले में मुझसे द्वेष रखता है। मेरा राजनीतिक कॅरियर खराब करने के लिए मुझे झूठा फंसाया जा रहा है।आरोपी तो कुछ भी बयान दे सकता है।मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं है। मैं पुलिस के खिलाफ होईकोर्ट में जाऊंगा।
-बबलू चौधरी

इनका कहना है
एफआइआर में दो आरोपी हैं, दोनों को गिरफ्तार कर लिया है।पूरी जानकारी फाइल देखकर ही बता सकता हूं।
-गौरव यादव,एसपी

फार्मों की जांच की जा रही है। फार्म हजारों की संख्या में होने के कारण इस कारण समय लग रहा है। एसडीएम की रिपोर्ट पर लिपिक को निलंबित कर दिया है। जांच पूरी होने के बाद ही कोई नई बात सामने आ सकती है।
-रवि जैन, कलक्टर

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