झुंझुनू

राजस्थान के इस घर में तीनों भाई-बहन अलग-अलग सेनाओं में अफसर, युवाओं के लिए बन रहे प्रेरणास्रोत

खास बात यह है कि इनका परिवार सामाजिक सरोकारों में भी आगे रहा है। गांव के सरकारी स्कूल में हॉल का निर्माण, श्मशान भूमि में टीन शेड बनवाना, मंदिर में बरामदा निर्माण कार्य आदि कई काम इनके परिवार ने गांव में कराए हैं।

झुंझुनूApr 18, 2024 / 03:37 pm

Akshita Deora

Inspiring Success Story: झुंझुनूं जिले के पिलानी कस्बे के निकट कुल्हरियों का बास के रहने वाले तीन चचेरे भाई बहन युवाओं को आगे बढ़ने की प्रेरणा दे रहे हैं। तीनों भाई-बहन वायु सेना, नौ सेना व थल सेना में अफसर बनकर देशभक्ति के साथ अपना कॅरियर भी संवार रहे हैं। खास बात यह है कि इनका परिवार सामाजिक सरोकारों में भी आगे रहा है। गांव के सरकारी स्कूल में हॉल का निर्माण, श्मशान भूमि में टीन शेड बनवाना, मंदिर में बरामदा निर्माण कार्य आदि कई काम इनके परिवार ने गांव में कराए हैं। युवा जब भी गांव आते हैं तब युवाओं को कॅरियर के बारे में फ्री टिप्स भी देते हैं।

कंचन कुल्हरी

भारतीय थल सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल है। वह लगभग बीस साल से थल सेना में है। कंचन के पति कर्नल गुंजन भी भारतीय थल सेना में हैं। पिता ख्यालीराम कुल्हरी भी भारतीय नौ सेना से सेवानिवृत्त हैं।

कृतिका कुल्हरी

भारतीय वायु सेना में फ्लाइट लेफ्टिनेंट के पद पर कार्यरत है। वह लगभग तीन साल से वायु सेना में है। उनके पति फ्लाइट लेफ्टिनेंट प्रखर भी भारतीय वायुसेना में ही कार्यरत हैं।

सौम्य कुल्हरी

भारतीय नौ सेना में सब लेफ्टिनेंट हैं। मार्च में ट्रेनिंग पूरी हुई है। सौम्य की सगी बहन कृतिका भारतीय वायु सेना में फ्लाइट लेफ्टिनेंट है। चयन पर उसका सम्मान किया गया।

परिवार के अन्य सदस्य भी सेना में

कंचन के पिता व भारतीय नौ सेना से रिटायर्ड कमांडर ख्यालीराम कुल्हरी ने बताया कि उनके पिता बहादुर सिंह कुल्हरी किसान थे। लेकिन शिक्षा का महत्व समझते थे। उन्होंने बच्चों को खूब पढाया। सौम्य, कृतिका व कंचन तीनों चचेरे भाई-बहन हैं। कृतिका व सौम्य सगे भाई बहन हैं। उनके पिता रामअवतार एक कार कम्पनी में अधिकारी हैं। वहीं बहादुरसिंह कुलहरि के पुत्र सुमेर सिंह कुल्हरी भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद क्रूज शिप में कार्यरत हैं। सुमेरसिंह के छोटे भाई प्रताप कुल्हरी मर्चेंट नेवी में कप्तान हैं।

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