उदयपुर, भीलवाड़ा, प्रतापगढ़, चितौडगढ़़, सवाईमाधोपुर, भरतपुर, धौलपुर, बूंदी, बारां, झालावाड़, कोटा, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, जालौर, सिरोही में 21 सितम्बर से 04 नवम्बर तक चलना था। द्वितीय फेज: 18 जिले
द्वितीय फेज में शामिल 18 जिलों जयपुर, झुंझुनूं, जैसलमेर, अजमेर, बिकानेर, अलवर, दौसा,चूरु, सीकर, करौली, टोंक, बाड़मेर, नागौर, पाली, राजसमंद, जोधपुर, गंगानगर, हनुमानगढ़ ओर कुचामन सिटी में 12 अक्टूबर से 25 नवम्बर तक एनएडीसीपी टीकाकरण अभियान शुरू होना था।
पशुपालन विभाग के निदेशक डा. वीरेंद्रसिंह ने अभियान के प्रथम फेज को स्थगित करने के आदेश जारी किए हैं। आदेश में बताया कि संयुक्त सचिव स्वास्थ्य एवं प्रबन्ध निदेशक एनएडीसीपी पशुपालन एवं डेयरी विभाग, भारत सरकार, नई दिल्ली का पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें मेसर्स ब्रिलिऐंट बायोफार्मा की ओर से अन्य राज्यों को आपूर्ति किए गए दो बैच में गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं पाया जाना अवगत करवाया गया है। उक्त निर्माता फर्म की ओर से उत्पादित टीके राजस्थान राज्य को भी आपूर्ति की गई है। राजस्थान राज्य में आपूर्ति बैच की गुणवत्ता जांच होने तक भारत सरकार की ओर से राजस्थान राज्य में भी आगामी निर्देशों तक टीकाकरण अभियान रोके जाने के निर्देश प्रदान किए हैं। ऐसे में सम्बंधित जिला अधिकारियों को निर्देश दिए है कि वैक्सीन का तय मानकों पर शीत संधारण जिला मुख्यालय पर ही किया जाए। यदि ब्लॉक मुख्यालय या अन्य स्थान पर वैक्सीन वितरित की गई है, तो पुन: जिला मुख्यालय पर मंगवाकर वोक इन कूलर्स या कोल्ड या कोल्ड रुम में सुरक्षित शीत संधारित की जाए।
पहले चरण वाले जिलों में अभियान को स्थगित किया गया है। अपने जिले में दूसरे चरण में शुरू होगा। पहला चरण में टीके अमानक होने के कारण स्थगित किए गए थे। अपने यहां 12 अक्टूबर से शुरू होगा, जिसके लिए टीके आए हैं।
सुरेंद्र सैनी, निदेशक पशुपालन विभाग (झुंझुनूं)