तीन चरणों में होगा काम
पहला चरण जनप्रतिनिधियों, गांव के प्रमुख लोगों, स्कूल के बच्चों और शिक्षकों को सिंगल यूज प्लास्टिक के नुकसान बताए जाएंगे। उनको प्रेरित किया जाएगा कि गांव को मॉडल बनाने में सहयोग करें। घरों में सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं करें। गांव में नुक्कड़ नाटक और रैली का आयोजन किया जाएगा।राजस्थान के सरकारी कॉलेजों में संविदा शिक्षकों को 9 माह से नहीं मिला वेतन, आंदोलन की धमकी
इन गांवों का भी चयन
किठाना के अलावा मलसीसर, खांदवा, पातुसरी, ठाठवाड़ी, हनुमानपुरा, निवाई, सुजडौला, बनवास, काजड़ा व टोडी गांव का चयन स्वच्छ भारत मिशन के तहत सिंगल यूज प्लास्टिक कचरे से मुक्त करने के लिए किया गया है।Winter Holidays : राजस्थान में शीतकालीन अवकाश अभी तय नहीं, असमंजस में शिक्षक व छात्र
ज्यादा साफ नजर आएंगे गांव
सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं होने पर गांव ज्यादा साफ नजर आएंगे। मिशन के तहत किठाना सहित ग्यारह गांवों का चयन किया गया है। यहां कोशिश रहेगी कि सड़कों व नालियों में सिंगल यूज प्लास्टिक नजर नहीं आए। यह गांव पूरे राज्य व देश में मॉडल बने।सुमन चौधरी, जिला समन्वयक, स्वच्छ भारत मिशन