scriptअब तो आजा परदेसी, तुझे मंडावा बुलावे रे…. | welcome in mandawa | Patrika News

अब तो आजा परदेसी, तुझे मंडावा बुलावे रे….

locationझुंझुनूPublished: Sep 29, 2020 09:22:32 pm

Submitted by:

Rajesh

दिल के झरोखे वाली बड़ी-बड़़ी हवेलियां हैं। मन को लुभाती हेरीटेज होटल हैं। देसी तरीके से आवभगत करने वाले मन के साफ कर्मचारी हैं। अनेक विदेशीभाषाओं के जानकार गाइड हैं । सुकून देने वाला शांत वातावरण है और सफारी के लिए खूबसूरत धोरे हैं। अगर नहीं है तो बस परदेसी पावणे। जिनके बिना हमारा मंडावा सूना है।

अब तो आजा परदेसी, तुझे मंडावा बुलावे रे....

अब तो आजा परदेसी, तुझे मंडावा बुलावे रे….

अब तो आजा परदेसी, तुझे मंडावा बुलावे रे….


#welcome in mandawa
झुंझुनूं/ मंडावा. दिल के झरोखे वाली बड़ी-बड़़ी हवेलियां हैं। मन को लुभाती हेरीटेज होटल हैं। देसी तरीके से आवभगत करने वाले मन के साफ कर्मचारी हैं। अनेक विदेशीभाषाओं के जानकार गाइड हैं । सुकून देने वाला शांत वातावरण है और सफारी के लिए खूबसूरत धोरे हैं। अगर नहीं है तो बस परदेसी पावणे। जिनके बिना हमारा मंडावा सूना है। कोरोना के कारण पर्यटन सीजन में भी पर्यटक नहीं आ रहे। यहां आने वाले पर्यटकों में अस्सी फीसदी विदेशी पर्यटक होते हैं। उनमें भी अधिकतर फ्रांस के होते हैं।
विदेशी पर्यटक का मंडावा आने का सीजन जुलाई से मार्च तक चलता है। पर्यटक नहीं आने के कारण कई हवेलियों व हवेलियों में बने होटलों में मात्र एक या दो कर्मचारी ही काम पर रहे हैं। बाकी सभी कर्मचारियों की छुट्टी कर दी गई है।
#mandawa in rajasthan

हैरिटेज होटल के संचालक अरविंद पारीक ने बताया कि कोरोना काल में पर्यटन होटल व्यवसाय को बहुत बड़ा नुकसान हो गया है। होटल में काम करने वाले कर्मचारी, दुकानवाले, शोरूम वाले, सफारी वाले, देसी जूतियां बेचने वाले, कुक, धोबी सहित पर्यटन व्यवसाय से करीब दो हजार से ज्यादा कर्मचारी प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए थे। अस्सी फीसदी आय विदेशी पर्यटकों, दस फीसदी व्यवसाय फिल्मों की शूटिंग व दस फीसदी देसी पर्यटकों से होती थी। इस बार सालासर, खाटू व राणीसती मंदिर में भी ज्यादा श्रद्धालु नहीं आ रहे, इस कारण देसी पर्यटक भी नहीं आ रहे। एक होटल के प्रबंधक जनेन्द्र सिंह ने बताया कि होटल में मात्र दो कर्मचारी बचे हैं। होटल कर्मचारी अंकित शर्मा ने बताया कि ईश्वर से दुआ कर रहे हैं वैक्सीन जल्द आए ताकि सैकड़ों लोगों को फिर से रोजगार मिले। हमारे मंडावा में फिर से रौनक लौटे।
#tourist pallace mandawa
हो गए बेरोजगार
बीस साल से टूरिस्ट गाइड का काम करता हूं। जुलाई में पर्यटक आने शुरू हो जाते हैं। कोरोना के कारण गत मार्च से पर्यटक नहीं आए हैं। गाइडों के पास अब कोई काम नहीं रहा हैं। विदेशी पर्यटकों से बाजार व हवेलियों में रौनक रहती थी। अब हवेलियां सूनी पड़ी हैं।
-श्याम सिंह, गाइड
सरकार करे सहायता
गाइड व पर्यटक व्यवसाय से जुड़े लोगों के सामने संकट है। कोई रास्ता भी दिखाई नहीं दे रहा है। होटल व हवेलियां सूनी पड़ी हैं। पर्यटन से जुड़े लोगों की सरकार को सहायता करनी चाहिए।
-रवि प्रकाश बारी, गाइड
#story on mandawa
ईश्वर से कर रहे दुआ
कोरोना काल में यहां लॉकडाउन के चलते 23 मार्च के बाद पर्यटक बंद होने के साथ ही दुकान (शौरूम) भी बंद है। लोकल ग्राहक सामान नहीं खरीदता है। कोरोनाकाल में पर्यटक नहीं आने से बेरोजगार हो गए हैं। अब ईश्वर से दुआ कर रहे हैं। कोरोना को हटाए और वैक्सीन जल्द बने।
-संदीप सिंह, संचालक मंडावा आर्ट
#mandawa in jhunjhunu
जल्द लौटे खुशियां
पर्यटकों के आने से उनका घर खर्चा चलता था। पर्यटक नहीं आने से आमदनी बंद हो गई। अब पर्यटक आने का इंतजार कर रहे हैं। हवेली के बिजली -पानी व सफाई का खर्चा वहन करने में असमर्थ हैं। ईश्वर से दुआ कर रहे हैं खुशियां जल्दी लौटे।
-अशोक दुगड़, केयर टेकर


झुंझुनूं जिले में आए विदेशी पर्यटक

वर्ष पर्यटक
2018 5513
2019 3860
2020 3389
(वर्ष 2020 के आंकडे मार्च तक के हैं)


आंकड़ों में मंडावा
ट्यूरिस्ट होटल 22
रेस्टोरेंट 5
होटल व्यवसाय से जुड़े कर्मचारी 2000
अधिकृत गाइड 25
एंटीक वस्तुओं के शोरूम 15
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो