scriptहरियाणा में कोरोना से होगा नौ हजार करोड़ का नुकसान | Corona in Haryana will cause loss of nine thousand crores | Patrika News

हरियाणा में कोरोना से होगा नौ हजार करोड़ का नुकसान

locationजींदPublished: Mar 31, 2020 08:37:48 pm

सीएम मनोहर लाल ने प्रदेश वासियों के नाम जारी किया संदेशअब तक राहत कोष में आए 21 करोड़, हरियाणा वासियों से मदद की अपील

अब तक तिरेसठ कोरोना संदिग्ध पहुंचे चिकित्सालय, तियालीस नेगेटिव

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चंडीगढ़। कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन से हरियाणा को करीब नौ हजार करोड़ का आर्थिक नुकसान होने की संभावना है। इस नुकसान की भरपाई प्रदेश वासियों के सहयोग के बगैर नहीं की जा सकती है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार को प्रदेश वासियों के नाम जारी एक संदेश में यह जानकारी देते हुए कहा कि इस नुकसान की भरपाई सरकार अपने स्रोतों से नहीं कर सकेगी। कोरोना की वजह से पैदा हुए आर्थिक संकट से निपटने के लिए उन्होंने लोगों को आह्वान किया कि वह अधिक से अधिक सहयोग करें। कोरोना राहत कोष में आर्थिक मदद की अपील करते हुए सीएम ने कहा कि चार दिनों में प्रदेश के 2500 लोगों ने 21 करोड़ रुपये का सहयोग दिया है। इसमें छोटी राशि से लेकर 5 करोड़ रुपये तक की मदद शामिल है।
सीएम ने कहा कि राज्य के कई मंत्रियों व विधायकों ने एक महीने से लेकर एक वर्ष तक का वेतन फंड में देने का ऐलान किया है। प्रदेश में आईएएस अधिकारियों ने भी अपना वेतन देने का फैसला लिया है। सीएम ने कहा कि इसके लिए एक मोबाइल एपं लांच की गई है। इस एप पर अधिकारी व कर्मचारी 2 अप्रैल की रात्रि तक अपने वेतन के बारे में सूचना दे सकेंगे। अधिकारियों व कर्मचारियों को एप पर बताना होगा कि वे अपने मासिक वेतन में से कितना पैसा कोरोना रिलीफ फंड के लिए कटवाना चाहते हैं।
सीएम ने कहा कि प्रदेश के गरीब लोगों व श्रमिकों को आर्थिक मदद दी जा रही है। सीएम परिवार समृद्धि योजना के अलावा बीपीएल परिवारों व पंजीकृत श्रमिकों व मजदूरों के बैंक खातों में 250 करोड़ रुपये डाले जा चुके हैं। सीएम ने कहा कि कुल 24 लाख पंजीकृत गरीब परिवार सरकार के रिकार्ड में हैं। इनमें से 10 लाख परिवारों की मदद हो चुकी है। बाकी के खातों में भी जल्द पैसा डाला जाएगा।
सरकार ने संकट की इस घड़ी में गरीबों को हर महीने 1200 करोड़ रुपये खर्च करने का फैसला लिया है। जो गरीब परिवार व श्रमिक पंजीकृत नहीं हैं, उनके लिए भी अब रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया है। जिन परिवारों की मासिक आय 15 हजार रुपये से कम है या जिनके पास 5 एकड़ तक जमीन है, उनका पंजीकरण होगा। इन सभी परिवारों को हर सप्ताह एक हजार रुपये देंगे।
437 रिलीफ कैम्प, 12 हजार श्रमिक रुके
प्रवासी मजदूरों का पलायन रोकने के लिए सरकार अभी तक 437 रिलीफ कैम्प बना चुकी है। रिलीफ कैम्पों में 70 हजार मजदूरों के रुकने का प्रबंध किया गया है, लेकिन इन कैम्पों में केवल 12 हजार ही श्रमिक रुके हैं। सीएम ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो इस क्षमता को बढ़ाया जा सकत है। यहां बता दें कि हजारों की संख्या में श्रमिक राज्य से पलायन करके अपने प्रदेशों – उत्तर प्रदेश, बिहार व झारखंड आदि में जा चुके हैं। रिलीफ कैम्प बनाने और मजदूरों को रोकने में सरकार ने देरी कर दी।

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