चौटाला परिवार में पिछले कई दिनों से वर्चस्व की लड़ाई छिड़ी हुई है। परिवार में चल रही अस्तित्व और वर्चस्व की लड़ाई के बीच दुष्यंत चौटाला अपनी टीम के साथ-साथ पिता के पुराने साथियों को भी लामबंद करने में जुटे है। इसी कड़ी में सांसद दुष्यंत सोमवार को अपने दादा ओमप्रकाश चौटाला के घर जींद पंहुचे। पार्टी कार्यालय के सामने पार्क में हजारों कार्यकर्ताओं की उमड़ी भीड़ ने उनका जोरदार स्वागत किया।
समर्थकों को संबोधित करते हुए दुष्यंत चौटाला ने कहा, इस पूरे प्रकरण से मुझे बड़ा झटका लगा है। कंधे से कंधा मिलाकर चलने वालों ने ही मुझे दोषी बना दिया। बहुत दुख हुआ। जो नोटिस मुझे दिया गया था,उसका जवाब दे दिया है। कमेटी के सामने भी अपना पक्ष रखूंगा। लेकिन इतना जरूर कहना चाहूंगा कि नोटिस में जिस प्रकार की भाषा लिखी गई है वह भाषा इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला की नहीं है।
सांसद दुष्यंत ने कहा कि जब वह 14 साल के थे तो उन्हे नरवाना में अपने दादा ओमप्रकाश चौटाला का चुनाव संभाला था ओर 19 साल का था तो उन्हे उचाना का प्रभारी बनाया गया था। मैंने कभी चौधरी देवालाल, व ओमप्रकाश चौटाला के संर्घष को खराब करने का प्रयास नही किया। उन्होनेे कहा कि कुछ लोग संगठन को बिखेरने का प्रयास कर रहे हैं। उनको पता होना चाहिए कि संगठन को खड़ा करने में अजय चौटाला ने भी अपने जीवन के 40 साल लगाए हैं। वह संगठन को कमजोर नहीं होने देंगे, बल्कि पहले से ज्यादा काम करके संगठन को और मजबूत बनाएंगे।
सांसद दुष्यंत ने दर्द संग अपने तीखों तेवरों को भी आभास करवाया। उन्होने कहा कि उन्हे गोहाना रैली में नारेबाजी करने के आरोप में निलंबित किया गया है मगर निलंबित करने वाले यह भूल गए कि जब सुनामी आती है तो एक बूंद को इसका जिम्मेवार नही ठहराया जा सकता।
भूकंप की गहराई नही मापी जा सकती। उन्होने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे कोई भी ऐसा काम ना करे जिससे पार्टी के संगठन को कोई नुकसान हो। ओमप्रकाश चौटाला जो भी फैसला लंगे वे हम सबको मंजूर होगा और उनका फैसला सिर-आखों पर होगा। बहुत पहले चौधरी देवीलाल ने जींंद की धरती पर न्याय युद्व की शुरूआत की गई थी अब फिर जींद की धरा पर ही न्याय युद्व होगा। उन्होने कहा कि आगे के बारे में फैसला अब डॉ. अजय चौटाला लेंगे और वह फैसला जींद की धरा पर ही सभी कार्यकर्ताओं के बीच में होगा। अभी सबको संयम रखाना होगा,मगर कार्यकर्ताओं को विश्वास दिलाता हूं कि उनका हौंसला ,उम्मीद नही टूटने दूंगा।