गांव के सरपंच नरेश ने बताया कि यहां 1400 फीट वाले ट्यूबवैल लगाए जाने हैं। ये 6 महीने पहले लग भी चुके हैं लेकिन आज तक इनमें कनेक्शन नहीं हो पाया है। बिना कनेक्शनों के वाटर सप्लाई की पुरानी मोटरों से ही गांव में पीने के पानी की सप्लाई हो रही हैं। यह मोटर बार-बार जलती रहती है, जिसकी वजह से अब गांव में पिछले करीबन 2 महीने से पीने का पानी ही नहीं आ रहा। पहले गांव खारे पानी से ग्रस्त था और अब बिना पानी के समस्या से जूझ रहा है।
गांव की पंचायत अनेकों बार जन स्वास्थ्यय विभाग के अधिकारियों से मिल चुकी है। दर्जनों बार जेई, एसडीओ, एक्सईएन से मिला जा चुका है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। गांव के लोग डीसी से भी मिल चुके हैं लेकिन अभी तक हर जगह आश्वासन ही मिला है।
ट्यूबवैल के क्नेक्शन चालू करने के लिए दो ट्रांसफार्मर लगने हैं। गौरतलब है कि जींद का यह गांव रधाना महाभारत काल से जुड़ा है। गांव के सरपंच का कहना है कि रधाना दो शब्दों से जुड़कर बना है। राधा और आना। महाभारत काल में जब लड़ाई चरम सीमा पर थी तब राधा इस गांव में आकर रूकी थी तभी से इस गांव का नाम रधाना पड़ा।